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सर्वशक्तिमान प्रभु ही इस संसार में समस्त सुखों के भंडार : सूरज कृष्ण शास्त्री

फोटो:-जसवंत नगर की खटखटा बाबा कुटिया पर महाशिवपुराण कथा की व्यास गद्दी पर शिवपाल सिंह यादव और बड़ी संख्या में कथा सुनते श्रद्धालु

जसवंतनगर (इटावा)।आचार्य सूरज कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि सर्व शक्तिमान सर्वाधार प्रभु ही समस्त सुखों के भण्डार है। संसार सागर में अगर कही शान्ति और आनंद का केंद्र है ,तो केवल प्रभु के चरणचिन्ह ही है,इसलिए उनके श्री चरणों में श्रद्धा भरा प्रणाम निरंतर करना ही हम सबका परम धर्म है।

यहां की खटखटा बाबा कुटिया पर बसंत उत्सव पर्व को लेकर चल रही महाशिवपुराण कथा के अंतिम दिन यह बात आचार्य श्री ने कही है।

उन्होंने कहा कि हमारे अंतःकरण में जब श्रद्धा,भक्ति,मैत्री और प्रेम जागृत हो जायेगा,तब हम प्रभु की श्रद्धामयी गोद में बैठने के अधिकारी अवश्य ही बन जायेंगे।

हमे प्रभु से सदैव अपने ऊपर अपना आशीर्वाद और वरदहस्त की कामना करना चाहिए, ताकि हमारा जीवन सदैव उनके ही चरणों में समर्पित रहे।

भगवान भोलेनाथ की शरण में ही हम सब हैं। प्रभु की शरणागत होकर ही इस जीवन में धन्यता और सफलता अर्जित की जा सकती हैं।प्रभु की सेवा और भक्ति में लगकर हमें इस नश्वर संसार से मुक्ति हासिल होंगी। यही महाशिवपुराण कथा का सार है।

शिवपाल पहुंचे कथा सुनने, बोले संतों के आशीर्वाद से फिर मिलेगी सत्ता

खटखटा बाबा की कुटिया पर चल रहे शिव पुराण महा कथा को सुनने क्षेत्रीय विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव मंगलवार। शाम 4 बजे पहुंचे।व्यास गद्दी पर पहुंचकर उन्होंने आचार्य सूरज कृष्ण शास्त्री और उनके सभी सभी सहयोगियों का अभिनंदन करते उनसे आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर खटखटा बाबा कुटिया के महंत मोहन गिरी महाराज ने उनका स्वागत किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। शिवपाल सिंह ने कहा कि हमारे क्षेत्र में खटखटा बाबा की कुटिया सबर्वश्रेष्ठ पवित्र धर्मस्थल है। हम चाहते हैं कि इस कुटिया का जमकर विकास हो। कुटिया के महंत मोहनगिरी बाबा ने इसका बहुत विकास किया है। हम उन्हें हर तरह का सहयोग करेंगे। इस कुटिया से लोग आशीर्वाद लेकर खूब प्रगति करें, सभी की यहां से आस्था है।

कथा व्यास पंडित सूरज कृष्ण शास्त्री के साथ इस नौ दिवसीय कथा में संगीत व्यास के रूप में पंडित मुकेश शर्मा, तबला वादक छेदी तिवारी, रवि उपाध्याय, आचार्य श्री सच्चिदानंद तिवारी, अखिलेश पांडे ,संत भगवान विजय गिरी भी शामिल रहे।

नो दिवसीय इस कथा में सुमित शुक्ला, विमलकुमार नीटू, कोषाध्यक्ष, कमलेश यादव, उत्कर्ष गुप्ता, ओमपाल यादव, हिमांशु कुमार, सविता, चुन्नू पान वाले, प्रशांत चौरसिया, चंचल गुप्ता, राजेंद्र दिवाकर, बिल्लू यादव, गोपाल गुप्ता, मुकेश शाक्य, दीपक शाक्य, शिव कुमार गुप्ता अवनीश कुमार, अजय कुमार ,अनुभव यादव आदि ने सहयोग किया।

*वेदव्रत गुप्ता