फोटो :आलू के खेत में भरा हुआ बरसाती पानी
जसवंतनगर (इटावा)। बेमौसम भारी बरसात ने किसानों के हंसते खिलखिलाते चेहरे मुरझा दिए हैं। आलू और सरसों की खेती को बीती रात यहां क्षेत्र में हुई भारी बरसात ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है। आलू के खेत पानी से भर गए हैं और बरसात और तेज हवा से सरसों की खड़ी फसल खेतों में लेट गई है।
सर्दियों के मौसम में किसान जनवरी के महीने में महावट का इंतजार करते हैं , महावट का मतलब हल्की बरसात, मगर जनवरी के महीने में बीती रात यहां रात भर तेज हवा के साथ जमकर बरसात हुई, कहीं कहीं हल्की ओलावृष्टि होने की खबर है, जिससे आलू की पक रही फसल और दाना पड़ गई सरसों को काफी नुकसान पहुंचा है। बताते हैं कि रात भर में जसवंत नगर इलाके में इतनी अधिक बरसात हुई है की खेत पानी से डूब गए हैं। गेहूं की खड़ी फसल को भी नुकसान होने की खबर है। अब तेज धूप लगातार 15 दिनों तक खिले, तब खेतों की मिट्टी सूखने और ओट आने वाली है। वरना खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पानी भरे रहने से पीली पड़ जाने वाली है। उसमें पड़ने वाली गेंहू की बालें भी अब कम हो जाएंगी।
आलू उत्पादक किसानों पर इस बरसात का सर्वाधिक नुकसानदायक असर पड़ा है, क्योंकि खेतों में आलू पड़ कर बढ़ रहा था और अब किसान बेलों के सूखने और आलू के पकने का इंतजार कर रहे थे। रात को हुई भारी बरसात में खेत पानी से भर दिए हैं। इससे आलू की फसल दागी होने और उसकी खुदाई कम से कम 20-25 दिन लेट होने की संभावना है। यदि वादल नहीं खुले, तो खेतों की मिट्टी सूखेगी नहीं और आलू सड़ जाएगा।
सरसों की फसल को तो सर्वाधिक नुकसान बताया गया है, क्योंकि या तो सरसों में फूल आ रहे थे अथवा फलियां पड़कर उनमें दाने पड़ गए थे। भारी बरसात के संग तेज हवा ने सरसों के खेतों में खड़े पौधों को जमीन पर लिटा दिया है तथा फूल भी झड़ गए हैं।
रात को हुई भारी बरसात से न केवल आलू, सरसों ,गेहूं की फसलों को नुकसान हुआ है, वल्कि हरी सब्जियां भी काफी क्षतिग्रस्त हुई है। बताते हैं कि इन दिनों खेतों में टमाटर, गोभी, पत्ता गोभी, बैगन, मेथी आदि भारी मात्रा में पैदा हो रही हैं, इनकी फसलें भी इस बरसात से काफी क्षतिग्रस्त हुई हैं। टमाटर की बेलें जमीदोज हो गई है। गोभी, पत्ता गोभी जो इन दिनों जमकर फल- फूल रहा, उसमे पानी भर गया। अब कीड़ा लगने की संभावना बन गई है।
*वेदव्रत गुप्ता