क्या आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में पता है? दरअसल, ये वजन घटाने के लिए रूटीन लाइफ में किया गया एक बजलाव है.
इसमें लोग दिन के कुछ घंटों के लिए फास्टिंग करते हैं, फिर उसी के हिसाब से अपने रूटीन को डिवाइड करके बाकी घंटों में खाते पीते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक रेशियो रखा जाता है.
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. भले ही आप खाने के दौरान एक्सरसाइज करें या खाने के बाद करें, दोनों में सावधानी बरतना जरूरी है. खाने के समय में ही एक्सरसाइज करना सेफ माना जाता है.
फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज करने से कमजोरी आ सकती है. उन्हें ये कोशिश करनी चाहिए कि 8 घंटे में ही एक्सरसाइज करें. बिना खाए शरीर में एनर्जी की कमी होती है. ऐसे में अगर आप एक्सरसाइज करेंगे, तो इससे लो बीपी की समस्या हो सकती है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग में बॉडी को एनर्जी की जरूरत होती है. ऐसे में एनर्जी के लिए बॉडी को प्रोटीन युक्त चीजों की जरूरत होती है. दिनभर में अगर आप एक सीमित मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं. जैसे- दलिया या बाजरा आदि. गुड फैट, फाइबर भी डाइट में होना जरूरी है.
अगर आपको व्रत के दौरान कमजोरी महसूस हो तो एक्सरसाइज न करें. हर इंसान की बॉडी अलग होती है. कुछ लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज करना ठीक लगता है. वहीं कुछ लोग फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज नहीं कर पाते.