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फरबरी आते ही तापमान लगने लगा बढ़ने ,गेंहू की फसल पर पड़ेगा काफी असर

रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता 

अछल्दा,औरैया। फरवरी माह के शुरुआत में ही दिन के तापमान में काफी वृद्धि होने से गेहूं के साथ-साथ सरसों आलू की फसलों को भी नुकसान हो सकता है फसलों की ग्रोथ पर पर असर पड़ेगा। 18 से 22 डिग्री अधिकतम तापमान रहना चाहिए।जबकि तापमान 25 डिग्री तक हो रहा है। जनपद में एक लाख हेक्टयर से अधिक गेंहूँ की फसल है। जहाँ दिसंबर और जनवरी के महीने में अच्छी खासी सर्दी पड़ने से गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार होने की संभावना किसान जता रहे हैं। सरसों की फसल की भी पैदावार अच्छी निकलने की संभावना जताई जा रही है परंतु फरवरी माह के पहले सप्ताह से ही मौसम में आए तेज परिवर्तन से गेहूँ किसानों के दिलों की धड़कने थोड़ी सी बढ़ने लगी। दिन के समय तापमान 25 से 27 डिग्री अधिकतम तक जा रहा है। रात का तापमान भी

से 12, 13 डिग्री तक हो रहा है। जो कृषि विशेषज्ञ व किसान गेहूं के अलावा सरसों, चना, मटर की पछेती फसल के लिए नुकसानदायक बता रहे हैं।

किसानों का कहना है अगर इसी तरह तापमान बना रहा और तापमान में और वृद्धि इस फरवरी माह में होती रही तो गेहूं के पौधे में जो ग्रोथ है वह कम हो जाएगी पौधा छोटा रहेगा बाली व बाली निकलने वाले पड़ने वाले दाने पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा पिछले साल मार्च में 18 मार्च में होली के ठीक बाद अचानक आए मौसम में परिवर्तन से गेहूं की पैदावार पर असर पड़ा था परंतु इस साल तो फरवरी माह के शुरू में ही तापमान में वृद्धि का असर दिखने लगा है इस समय गेहूं की फसल में अधिकांश खेतों में कोथ पर है। अगेती गेहूं की फसल में तो बालियां भी आने लगी है किसानों के असार ऐसी स्थिति में गेहूं के पौधे को सर्दी कम तापमान की आवश्यकता होती है।

जबकि अनुमानित तापमान के अभी और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है उस दिन का अधिकतम तापमान इस सप्ताह के अंत तक 29, 30 डिग्री तक पहुंचने की संभावना व रात के तापमान की 13 से 15 तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है जो फसल के लिए और अधिक नुकसानदायक होगी। अछल्दा के कृषि विभाग के डॉ अनंत कुमार कहते है। तापमान अधिक होना सभी फसलों के लिए नुकसान दायक है। इस समय दिन का अधिकतम तापमान 18 से 22 तक रहना चाहिए जबकि रात का 9 से 11 तक को रहना चाहिए।

अधिक तापमान से पैदावार पर विपरीत असर पड़ेगा।