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रुक्मणी विवाह ,शिशुपाल वध ,सुदामा चरित, इत्यादि की कथा का श्रोताओं ने श्रवण किया

(दीपक अवस्थी 8057802581)

अजीतमल औरैया। विकासखंड के ग्राम पंचायत अमावता में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के समापन दिन के अवसर पर रुक्मणी विवाह ,शिशुपाल वध ,सुदामा चरित, इत्यादि की कथा का श्रोताओं ने श्रवण किया। आचार्य रजनीश महाराज ने भागवत कथा के दौरान आचार्य जी ने श्रोताओं को भागवत को अपने जीवन में उतारने की अपील की। साथ ही सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल पेश की। समाज को समानता का संदेश दिया। इस कड़ी में महाराज ने बताया श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। अंतिम दिन सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद् भागवत भागवत कथा का पूर्णता प्रदान करते हुए विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए के बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा। आचार्य ने गो सेवा कार्य करने पर जोर दिया। सुदामा की मनमोहक झांकियो का चित्रण किया गया जिसे देखकर हर कोई भाव विभोर हो उठा। अंत में कृष्ण के दिव्य लोक पहुंचने का वर्णन किया। महाआरती के बाद भोग वितरण किया गया।

श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन दुबे परिवार की ओर से किया गया। इस पवित्र सर पर आदित्य दुबे ,परीक्षित और उनके भाई अरविंद दुबे, अवनीश दुबे ,अभिषेक दुबे ,कपिल दुबे, लालजी दीक्षित शिव टेंट हाउस वाले, आयोजक दुबे आटा मिल एवं समस्त परिवार ने अहम भूमिका निभाई। यह भागवत कथा का आयोजन राम जानकी मंदिर अमावता स्थान पर किया गया। कलश यात्रा से कथा का शुभारंभ किया गया था। कल 15 फरवरी दिन बुधवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमें समस्त नगरवासियों क्षेत्रवासी अवश्य पधारें और निसंकोच भगवान का प्रसाद ग्रहण करें।