अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस सप्ताह नवीनतम वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें इस साल वैश्विक मुद्रास्फीति में गिरावट आने की भविष्यवाणी की गई है।
जीवन यापन की लागत के संकट के बीच ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की प्राथमिकता मुद्रास्फीति (महंगाई) की दर में गिरावट हासिल करना है। इसमें आगे कहा गया है, कठिन मौद्रिक स्थितियों से निपटने के लिए ऋण पुनर्गठन ढांचे को मजबूत करना जरूरी है।
मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए केंद्रीय बैंक की दरों में वृद्धि आर्थिक गतिविधि को बाधित करने वाले कारक हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि चीन में कोरोना महामारी को लेकर लगाए सख्त लॉकडाउन और प्रतिबंधो में ढील देने से वैश्विक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
भौगोलिक रूप से व्यापक है, यह अभी भी अमेरिका और यूरोप में उच्च स्तर पर बनी हुई है, यह एशिया के कई हिस्सों में कम है।