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शिवालयों में उमड़ा शिव भक्तों का सैलाब, देखिए आखिर देवभूमि में कैसे हुआ भोले का महाभिषेक

देवभूमि उत्तराखंड में रात से ही शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। भोलेनाथ की भक्ति में डूबे भक्तों की लंबी कतार जलाभिषेक के लिए मंदिरों के बाहर लगी है। महादेव को पंचामृत से स्नान कराने के साथ ही बिल्व पत्र, भांग, धतूरा, फल-फूल आदि चढ़ा कर भोलेनाथ प्रसन्न किया जा रहा है।

प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चौदस तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस बार इस तिथि की शुरुआत 18 फरवरी को शाम 05.55 बजे से होगा और अगले दिन 19 फरवरी को सुबह 3.32 बजे समापन होगा।

तीन अद्भुत संयोग के पड़ने से इस महाशिवरात्रि बेहद खास हो गई है। व्रतियों का विशेष फल प्राप्त होगा। सूर्य और शनि की एक साथ कृपया होगी।  शनिवार होने के कारण शनि प्रदोष का योग बन रहा है तो इसी दिन स्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है

इस दिन व्रत रहकर चार पहर भगवान शिव की पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो मनुष्य वर्ष भर कोई उपवास नहीं कर पाता, उसे केवल शिवरात्रि का व्रत करने से वर्षभर के व्रत का पुण्य प्राप्त हो जाता है।