नरेन्द्र वर्मा संवाददाता फिरोजाबा
फिरोजाबाद जनपद न्यायालय ने शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 15 100 वादो का हुआ निस्तारण एक करोड़ 42 लाख 92 हजार ₹506 की धनराशि की धनराशि प्राप्त हुई
मॉं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ वृहद राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश संजीव फौजदार के कर कमलों द्वारा जनपद न्यायलय सभागार में किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से वादों को निस्तारित कराया जाता है। इतिहास में दर्ज है कि सदियों पहले जब अदालतें नहीं हुआ करती थी तब दो पक्षों के आपसी मतभेद को सुलह-समझौता के माध्यम से समाज के गणमान्य व्यक्ति एक निर्धारित स्थल पर बैठकर दोनों पक्षों की बात सुनकर यह निर्णय करते थे कि दोनों पक्षों का हित किसमें हैं। इसी को देखते हुए सुलह-समझौता कराते थे और समाज में इसके सार्थक परिणाम भी दिखाई पड़तें थे, दोनों पक्षों के मध्य आपसी क्लेष, मतभेद एवं दुर्भावना समाप्त हो जाती थी। उन्होने कहा कि लोक कल्याण के भावना से ओत-प्रोत उसी स्वरूप को उच्च न्यायालय व जनपद न्यायालय द्वारा विस्तार रूप देते हुए एक स्थल एक मंच पर बहुत सारे वादों को सुलह-समझौता के आधार पर समाप्त कराने के उद्देश्य से लोक अदालत आयोजित कराई जाती हैं, जिसमें दोनों पक्षों के हित के साथ सामाजिक प्रेम भावना भी समाहित हैं। उन्होंने आगे कहा कि समाज एवं राष्ट्र के हित में हैं कि लोग मिल-जुल कर प्रेम भावना से रहें। यदि आपसी मतभेद पनपते भी है, तो उसे शांत एवं सद्भाव के साथ समाप्त करने का प्रथम प्रयास दोनों पक्षों द्वारा किया जाना चाहिए। यदि प्रथम प्रयास में दोनों पक्ष सफल नहीं होते है तभी उन्हें न्यायालय के शरण में जाना चाहिए।*
*इस अवसर परअपर जिला जज व नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत आजाद सिंह ने अपने प्रेरक व सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि लोक अदालत की मूल भावना में समाहित है लोक कल्याण की भावना। सुलह समझौता के दौरान सभी का मान, सभी का सम्मान, सभी को न्याय मिले इसका ध्यान रखा जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत, समाधान का राष्ट्रीय पर्व है इसमें आकर शीघ्र, सुलभ व सक्षम न्याय, ऊर्जा व समय की बचत, आपसी भाईचारा से समझौता होता है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में किसी भी न्यायालय अथवा विभागीय मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किए जाने हेतु आवेदन पत्र देकर अंतिम आदेश व निर्णय प्राप्त कर सदैव के लिए लंबित मामलों से छुटकारा पाने का एक स्वर्णिम अवसर है। उन्होने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जनपद में न्याय पालिका के साथ जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, बार एसोशिएसन व जनता का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होने कहा कि लोक अदालत को वृहद बनाने में पुलिस, बार, सूचना विभाग सहित अन्य विभागों के सहयोग से जनपद में बडे-बडे होर्डिंग्स लगाकर तथा प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के सहयोग से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है। उन्होने कहा कि लोक अदालत राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है। इसमें मीडिया की भरपूर सहभागिता अपेक्षित है जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी जानकारी पहुंच सके।*
*सिविल जज सी0डि0 व प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मिनाक्षी सिन्हा ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए बताया कि सस्ता सुलभ न्याय प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है, उन्होने लोक अदालत के लाभ के बारे में बताया कि पक्षों के मध्य आपसी सुलह समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण, पक्षकार, व्यक्तिगत स्तर पर स्वयं पहल कर सकता है, लंबित मामलों के लोक अदालत में निस्तारण कर लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं, कानूनी जटिलताओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित है। उन्होने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में कोविड प्रोटोकॉल एवं गाइड लाइन का पालन कराने के साथ आने वाले दोनों पक्षों के बैठने, शुद्ध पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था करायी गई है। लोक अदालत में आने वाले सभी व्यक्ति के सुविधा का ख्याल रखा गया है और यह प्रयास किया जा रहा है कि आज इस वृहद लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों को आपसी सुलह-समझौता के माध्यम से समाप्त कराकर लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्देश्य का लाभ दिलाया जा सके।*
*सिविल जज दीक्षी चौधरी ने बताया की राजस्व, स्टाम्प, चकबंदी, घरेलू हिंसा, उत्तराधिकार, धारा 138 (एन.आई.ऐक्ट), बैंक वसूली वाद, श्रम विवाद वाद, विद्युत एंव जलवाद बिल, पारिवारिक एंव अन्य व्यवहार वाद, आपराधिक शमनीय वाद, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाऐं, श्रम विवाद वाद, विद्युत एंव जलवाद बिल, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण वाद, जो जनपद न्यायालय में लम्बित हों, अन्य सिविल वाद आदि वाद निस्तारित किये जायेंगे। इस अवसर पर पीठासीन अधिकारी मोटरयान दुर्घटना अधिकरण, प्रधान न्यायधीश पारिवारिक न्यायलय, अपर जिला जज आलोक कुमार पाण्डेय, अध्यक्ष बार एसोशिएशन महेन्द्र कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ल, पुलिस अधीक्षक शहर मुकेश चंद्र मिश्र, उपजिलाधिकारी सदर राजेश कुमार व सभी न्यायिक अधिकारीगण सहित अधिवक्ता एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी कर्मचारी व वादकारी उपस्थित रहें।
जनपद में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में वाद कारियों ने दिखाया उत्साह, 15100 वादों का हुआ निस्तारण 1,42,92,506 की एन पी ए धनराज हुई प्राप्त।