भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘चंद्रयान-3’ के ‘लैंडर’ का एक प्रमुख परीक्षण ‘इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस/इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी’ (ईएमआई/ईएमसी) सफलतापूर्वक पूरा हुआ है।
इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष वातावरण में उपग्रह उप-प्रणालियों की कार्यक्षमता और अपेक्षित विद्युत चुम्बकीय स्तरों के साथ उनकी अनुकूलता सुनिश्चित करने के वास्ते उपग्रह अभियान के लिए ईएमआई/ईएमसी परीक्षण किया जाता है।
इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 के लैंडर के ईएमआई/ईएमसी परीक्षण के दौरान यह सभी आवश्यक संचालन मानकों पर खरा उतरा है। इसने कहा कि प्रणालियों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा।
वर्ष 2019 में चंद्रयान-2 के जरिये चंद्रमा की सतह पर रोवर उतारने का भारत का पहला प्रयास उस समय विफल हो गया था, जब यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।चंद्रयान-3 के जून में प्रक्षेपित होने की संभावना है। इसकी तैयारियों में इसरो जुटा हुआ है और लगातार परीक्षण कर रहा है।