फोटो – ब्लॉक परिसर जसवंतनगर में आयोजित कृषि गोष्ठी एवं प्रशिक्षण
जसवंतनगर(इटावा)। कृषक जागरूकता कार्यक्रम में यहां ब्लॉक पर आयोजित कृषि निवेश मेला एवं गोष्ठी में न किसान ही आए और न ही कृषि विभाग के अधिकारियों ने आना गवारा किया।
गोष्टी को लेकर कोई प्रचार-प्रसार तक नहीं था। ब्लॉक में किसी न किसी काम से आए ग्रामीणों को गोष्ठी में बैठ खाना पूर्ति की गई। नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी एवं बीज ग्राम योजना के अंतर्गत 2022-23 गेहूं फसल की तीन विशेष क्रांतिक अवस्थाओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था लेकिन किसानों को उसका कोई लाभ नहीं मिल सका।
कार्यक्रम में सिर्फ दो वक्ता जिला समन्वयक कृषि प्रकाश नारायण त्रिपाठी तथा कृषि वैज्ञानिक हरि शंकर दीक्षित ने संबोधित किया ।तथा कुछ उपयोगी जानकारियां ही दी। दोनों ने फसल सुरक्षा तथा जैविक खेती के बारे में क्रमशः अवगत कराया।
प्रशासन देखे कि कृषि गोष्ठियां जो किसानों के लाभ के लिए होती, उनमें उन्हें प्रायः न बुला कर खानापूरी किए जाने की परंपरा चल रही है, उसे कैसे रोका जाए? गोष्ठियों पर भारी-भरकम बजट खर्च किया जाता है, मगर किसानों को लाभ न मिले तो फिर ऐसी गोष्ठियों का फायदा ही क्या है ? इस बात पर हर स्तर पर विचार किया जाना चाहिए कि कृषि गोष्ठियां व प्रशिक्षण कार्यक्रम निरर्थक साबित न हों।
*वेदव्रत गुप्ता