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गौवंश को गौशालाओं में आश्रय देने की योजना को लग रहा पलीता

रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता 

फफूँद,औरैया। भले ही सरकार द्वारा गोवंश को गौशालाओं में आश्रय देने के तमाम वायदे और दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी धरातल पर इन सरकारी दावों को संबंधित अधिकारियों की उदासीनता से पलीता लगता नजर आ रहा है। 90 प्रतिशत आवारा गोवंश किसानों की फसलें उजाड़ने के साथ सड़कों पर चहलकदमी कर यह आवारा गोवंश बड़े पैमाने पर मार्ग दुर्घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं, जिससे गोवंश की धमाचौकड़ी से समूचे जिले में हाय तौबा मचा हुआ है।कहने को तो प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आवारा गोवंश को गौशालाओं में आश्रय देने के जिले के संबंधित आला अधिकारियों को निर्देश देने के साथ आवारा गोवंश के गौशालाओं में पहुंचाने के तमाम दावे भी किए जा रहे हैं लेकिन जिले में जमीनी धरातल पर देखने में आ रहा है कि 90 प्रतिशत आवारा गोवंश के झुंड के झुंड किसानों की लाखों रुपए की लागत और मेहनत से उगाई गई फसलों को तहस-नहस कर पर बर्बाद कर रहे हैं जिससे किसानों की बदहाली पिछले कई वर्षों से निरंतर बढ़ती ही जा रही है। यही नहीं सबसे गौरतलब बात तो यह है कि आवारा गोवंशों के झुंड के झुंड सड़कों पर टहलने भागने से आए दिन बड़ी मार्ग दुर्घटनाएं हो भी रही है जिससे जिले में आवारा गोवंश की समस्या से हाय तौबा मचा हुआ है। जिले में गौशालाओं की हालत यह है कि 95 प्रतिशत अस्थाई गौशालाओं में उंगलियों पर गिनने लायक इक्का-दुक्का गोवंश ही आश्रय पाते नजर आ रहे हैं और पिछले कई सालों में आश्रय पा रहे यह गोवंश भी संबंधित प्रशासन की बदइंतजामी के चलते भूख प्यास बीमारी से आए दिन दम तोड़ते ही नजर आ रहे हैं इसके बावजूद संबंधित प्रशासन इस पर पर्दा डालकर गौशालाओं में बेहतर इंतजाम के दावे कर अपनी पीठ भी थपथपाने से नहीं चूक रहा है। आवारा गोवंश के कहर से पिछले लंबे अर्से से फसलों की बर्बादी से आर्थिक तंगी और कर्जदारी से जूझ रहे । अनिल कुमार सिंह हर्ष प्रताप सिंह जयपाल सिंह दोहरे वीरेंद्र सिंह छुन्ना लाल राठौर महावीर बाथम आदि क्षेत्रीय जागरूक लोगों व किसान नेताओं ने आवारा गोवंश की समस्या से जल्द निजात दिलाने की मांग करते हुए समस्या का समाधान ना किए जाने पर इसके खिलाफ आंदोलनात्मक कदम उठाने की भी चेतावनी दी है।