फोटो: हजरत भोलन शाह दरगाह पर आयोजित उर्स में कुल शरीफ की रस्म अदा करते मौलाना कमालुद्दीन आदि
जसवंतनगर(इटावा)। सर्व धर्म समभाव की प्रतीक नगर की हजरत भोलन शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर चल रहे “उर्स-ए-भोलन शाह” के अंतिम दिन बुधवार को कुल शरीफ की रस्म अदा की गई।
सैंकड़ों की संख्या में जायरीन इस मौके पर मौजूद थे। इटावा ईदगाह के इमामऔर गोला मस्जिद जसवंतनगर की इमाम हाफिज मौलाना हाजी कमालुद्दीन अशरफी ने कुल शरीफ की रस्म पूरे अदीकत के साथ अदा की। उन्होंने मुल्क की तरक्की और अमन-ओ-चैन और पारंपरिक सद्भाव की भी दुआ की।
नगर के पश्चिमी छोर और पुरानी आगरा रोड पर स्थित हजरत भोलन शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर हर वर्ष आयोजित होने वाले उर्से पाक के आखिरी दिन की शुरूआत सुबह कुरआन ख्वानी के साथ हुई।
फज्र की नमाज के बाद से ही आसपास क्षेत्र के ग्रामों के अलावा नगर क्षेत्र से जाएरीन की भीड़ उमड़ने लगी थी। इस मौके पर तकरीरी महफिल आयोजित हुई जिसका आगाज तिलावते कलामे पाक से हुआ।
मौलाना कमालुद्दीन समेत अन्य हाफिज, इमाम, मौलवियों ने अपनी तकरीर से हजरत भोलन शाह की नूरानी जिदंगी पर विस्तार से रोशनी डाली। मौलाना ने हुजूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो अलैह बसल्लम की सीरते पाक बयान की और लोगों को हुजूर की सुन्नतों पर चलने की हिदायत दी।
उर्स के दौरान दो दिन तक रात में।देश भर से आए सुप्रसिद्ध कबवालों ने साहब की दरगाह के सामने नूरानी कव्वालियां पेश कर उन्हें अपनी दिली अकीदत पेश की।
20 और 21 फरवरी की रात चली कव्वालियों को सुन लोग मंत्रमुग्ध हो गए और पूरी रात तालियों की आवाज के साथ वाह -वाह गूंजती रही।
इस मौके पर सैकड़ों लोगों ने मजार पर चादर पोशी की और दुआएं मांगी।कमेटी के सदस्यों सहित तमाम लोग उर्स को सफल बनाने में जुटे रहे।
*वेदव्रत गुप्ता