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यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चीन के विदेश नीति प्रमुख वांग यी की वार्ता आखिर क्यों हैं जरुरी

 यूक्रेन युद्ध में मदद के लिए रूस को हथियार देने की चीन की योजना के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चीन के विदेश नीति प्रमुख वांग यी की यहां हुई मुलाकात को बेहद महत्त्वपूर्ण घटना माना जा रहा है।

वांग की यहां रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से भी बातचीत हुई। बाद में रूस सरकार के सूत्रों ने मीडिया को जानकारी दी कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही रूस की यात्रा करेंगे।

अमेरिकी थिंक टैंक कारनेगी एन्डॉवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में सीनियर फेलॉ एलेक्जेंडर गुबयेव ने ब्रिटिश अखबार द गार्जियन से बातचीत में कहा- ‘वांग की मास्को यात्रा से यह जाहिर हुआ है कि रूस और चीन के बीच संबंध ना सिर्फ पटरी पर हैं, बल्कि इनका तेजी से विस्तार हो रहा है।’

ब्रिटेन की ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय के प्रोफेसर रोजमेरी फुट ने राय जताई है कि चीन की प्राथमिकता अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करना है। इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्थिरता चाहता है। वांग ने अपनी मौजूदा यूरोप यात्रा के दौरान यही संदेश देने की कोशिश की है कि चीन यूक्रेन मसले का ‘शांतिपूर्ण समाधान’ चाहता है।

कुछ विश्लेषकों ने राय जताई है कि चीन रूस को उसके मौजूदा रूप में इसलिए बनाए रखना चाहता है, क्योंकि अगर रूस पराजित हो गया, तो पश्चिम का सारा ध्यान चीन पर केंद्रित हो जाएगा।  ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई-5 के निदेशक केन मैकलम भी ऐसी राय जता चुके हैं।