रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता
फफूंद,औरैया। फफूंद के रानीपुर गांव निवासी रामगोविंद शुक्ला पारंपरिक खेती से हटकर नकदी फसल करके एक नई इबारत लिख रहे हैं। नौकरी की चाह छोड़कर किसान ने अपने खेत मे स्ट्राॅबेरी की खेती शुरू की और अब एक बीघा में हर माह लगभग एक लाख की कमाई कर रहे हैं। किसान की इस नई सोच पर डीएम पीसी श्रीवास्तव भी पहुंचे और स्ट्राॅबेरी की फसल देखी और जिलाधिकारी ने अन्य किसानों को भी प्रशिक्षित कराने की बात कही है।रामगोविंद शुक्ला ने का कहना है, ” मैंने गेहूं धान की फसल से कुछ अलग करने की सोची। जिस पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने का आइडिया आया। उद्यान विभाग से अनुदान की भी योजना पता चली। इसके बाद मैंने अपने खेतों पर स्ट्राॅबेरी की खेती शुरू कर दी। स्ट्रॉबेरी बेचने का बाजार मुझे कानपुर में मिला, यहां की मंडी में 300 से 350 का बाजार भाव मिला। दोगुने से अधिक मुनाफा होने पर फिर तीन बीघे से अधिक में इसकी फसल करनी शुरू कर दी।”किसान रामगोविंद बताते है कि इसकी खेती करने के लिए खेत को 3-4 बार रोटर से जुताई करा देना चाहिए। फिर गोबर की खाद खेत में डाल देने से लाभ मिलता है। यह सब करने के बाद खेत में बेड़ बनाना पड़ता है। बेड़ की चौड़ाई एक से दो फीट के बीच होती है और एक दूसरे से इतनी ही दूरी रखी जाती है। पौध लगाने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग की जाती है। इसमें एक तय दूरी पर छेद कर दिया जाता है। पौध लगाने के बाद ड्रिप या स्प्रिंकलर से सिंचाई कर देनी चाहिए। इसके बाद समय-समय पर नमी को ध्यान में रखते हुए सिंचाई करना जरूरी है। स्ट्रॉबेरी से अच्छी पैदावार हासिल करने के लिए खाद बहुत जरूरी है। आप मिट्टी और स्ट्रॉबेरी की किस्म के आधार पर खाद दे सकते हैं। इसके लिए कृषि वैज्ञानिक से सलाह ले लेनी चाहिए।