इटावा/भरथना। नगर के प्रमुख तम्बाकू कारोबारी के आवास, गोदाम व प्रतिष्ठानों पर सेंट्रल जीएसटी की टीम छापा मारकर करीब 15 घंटे की जांच पड़ताल के बाद 10 लाख रुपए की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया टीम अपने साथ कई अहम दस्तावेज अपने साथ ले गई मंगलवार को तड़के करीब पांच बजे रवाना हो गई।
सोमवार की दोपहर करीब 2 बजे से मोहल्ला मोतीगंज निवासी तम्बाकू कारोबारी अरविंद चौरसिया के आवास समेत अन्य ठिकानों पर सेंट्रल जीएसटी आगरा टीम के ज्यादातर अधिकारी देर रात को बकेबर मुख्य मार्ग पर स्थित शोरूम पर देर शाम को एकत्रित होकर रात भर डटे रहे ,वही अन्य कुछ अधिकारी शोरूम से कुछ दूरी पर स्थित तम्बाकू कारोबारी के आवास पर पड़ताल करते रहे।रात भर अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की टीम तम्बाकू कारोबारी के आवास व शोरूम पर आवाजाही करती रही।
टीम अधिकारी अजय सोनकर आदि के अनुसार विभागीय कमिश्नर के दिशा निर्देश पर तम्बाकू कारोबारी के व्यवसाय से संबंधित जीएसटी के अभिलेखों की बारीकी से जांच पड़ताल की गई।
जीएसटी टीम आधा घंटे की मसक्कत के बाद घर मे दाखिल हो सकी
सोमवार की दोपहर को तम्बाकू कारोबारी के आवास पर पहुंची टीम द्वारा घर का दरवाजा खुलवाने के लिए आधा घंटे की मशक्कत करनी पड़ी।
आवास के आसपास स्थित अहातों व गोदाम में भी जांच पड़ताल की
जीएसटी टीम ने तम्बाकू कारोबारी के आवास के आसपास उनके अन्य आवास,दो अहातों समेत भाई व भतीजे के आवास पर पड़ताल की।
अलग अलग टुकड़ियों में बंटकर एक साथ छापामारी की
जीएसटी आगरा की टीम में शामिल अधिकारियों ने अलग अलग टुकड़ियों में बंटकर तम्बाकू कारोबारी के कस्बा क्षेत्र में स्थित बकेबर मुख्य मार्ग शोरूम,आजाद रोड स्थित मॉल व गोदामों में छापामारी कर जांच में जुट गई।
तम्बाकू कारोबारी अरविंद चौरसिया ने बताया कि जीएसटी टीम के अधिकारियों द्वारा प्रपत्रों की जांच की गई।
छापामार कार्रवाई नगर में चर्चा का विषय बनी
तम्बाकू कारोबारी के आवास समेत अन्य ठिकानों पर छापामार कार्रवाई से नगर के अन्य व्यापारियों व लोगों में चर्चा का विषय बनी रही।
साईं ब्रांड तम्बाकू की बाहरी जनपदों में सप्लाई
कस्बा के प्रमुख तम्बाकू व्यवसायी द्वारा साईं ब्रांड का उत्पादन किया जाता है जिसकी शाहजहांपुर, गोसाईगंज आदि स्थानों पर सप्लाई की जाती है।
अप्रैल 2019 में भी हुई छापामार कार्रवाई
तम्बाकू के प्रमुख कारोबारी के आवास समेत गोदाम में बीती अप्रैल 2019 में डायरेक्टर जनरल कस्टम इंटेलीजेंस लखनऊ व जीएसटी की संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी की गई थी, उस दौरान टीम ने 30 घंटे की जांच के बाद सात करोड़ रुपए मिले थे।