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अब न बिगड़े मौसम,न हो बरसात और न पड़ें ओले

फोटो:- बरसात से खेत में गिरी और झुक गईं गेहूं की वालें

जसवंतनगर(इटावा)। पिछले15 दिनों से पड़ रही गर्मी और होली के दिन दोपहर बाद अचानक बदले मौसम और उसके उपरांत आये अंधड़ फिर हुई तेज बरसात ने होली के रंग में सराबोर किसानों की छाती पर सांप लोटा दिया।

दरअसल में क्षेत्र में इन दिनों आलू की खुदाई चल रही है। गेंहू पकने को तैयार है और सरसो खेतों में खड़ी है या कटकर खलिहानों में सूख रही है। किसान वैसे ही आलू खुदाई की जल्दी में है, क्योंकि इस बार आलू के भारी उत्पादन से कोल्ड स्टोरो में मारामारी है। किसान चाहता है कि जल्दी आलू खुद कर कोल्ड स्टोर में पहुंच जाएं। यदि उसकी खुदाई लेट होगी ,तो आलू के काफी सस्ते बिकने के चलते कहीं खेतों में पड़ा न रह जाए।

होली की शाम बुधवार को मौसम बिगड़ने से आए अंधड़ और बरसात से गेहूं की फसल 20- 25 पर्सेंट तक खेतों में गिर कर लेट गई। ऐसा ही खेतों में खड़ी सरसों की फसल के साथ हुआ है। क्षेत्र के मैदानी और बीहड़ी दोनों इलाकों में बरसात ने स्थिति खराब की है। कहीं कहीं तो खेत पानी से भर गये है, उनमें ओट आने में कई दिन लगेंगे। अंधड़ से जो फसलें जमींदोज हुई है, उनसे किसानों को काफी नुकसान है। तेज हवा से गेंहू के जमीन पर लेट जाने से।,इनमे आई गेहूं की बालियां अब खराब हो जाने वाली हैं।लेकिन, जो गेहूं जनवरी महीने बोया गया है, उसके लिए तो बरसात ने महावट का काम किया है।

बीहड़ी इलाके में सरसों की फसल जो पक रही थी, वह तेज हवा और अंधड़ से जमीन पर गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि बरसात से मौसम का टेंपरेचर 7- 8 डिग्री तक गिरा है, जो गेहूं में पड़े दाने को पुष्ट करेगा।

हरकूपुरा, बलरई, जौनई, धरवार, बीबामऊ, सिसहाट, दुर्गापुर, बनकटी, मलाजनी, डुढहा, बनकटी, राजनगर, लारखौर, पाठकपुरा आदि गांवों के सरसों, गेंहू आदि फसलों के उत्पादकों से फोन पर बात की गई तो वो बरसात और अंधड़ से दुखी थे मगर कह रहे थे कि अब मई तक न बिगड़े मौसम, न हो बरसात और न पड़ें ओले।

*वेदव्रत गुप्ता