संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर से बुरी तरह लताड़ दिया। वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति (जीसीटीएस) की 8वीं समीक्षा वाले प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने खुलकर आतंकवाद को लेकर अपनी बात रखी।आतंकी घटनाओं के पीछे की मंशा के आधार पर आतंकवादियों को बांटना बेहद ‘खतरनाक’ है।
रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘आतंकवादी कृत्यों के पीछे की मंशा के आधार पर आतंकवाद के वर्गीकरण की प्रवृत्ति खतरनाक है। ये स्वीकृत सिद्धांतों के खिलाफ जाती है कि ‘आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में निंदा की जानी चाहिए और आतंकवाद के किसी भी कार्य के लिए कोई औचित्य नहीं हो सकता है।’
रुचिरा ने इस बात पर जोर देकर कहा कि सभी प्रकार के आतंकी हमले, चाहे वह इस्लामोफोबिया, सिख विरोधी, बौद्ध विरोधी या हिंदू विरोधी पूर्वाग्रह से हों, वह निंदनीय हैं।
रुचिरा ने कहा कि अच्छे या बुरे आतंकवादी नहीं हो सकते। इस तरह का दृष्टिकोण हमें केवल 9/11 के पूर्व के युग में वापस ले जाएगा। जिसमें आतंकवादियों को आपके आतंकवादी और मेरे आतंकवादी के रूप में लेबल किया जाएगा।