फ़ोटो- मेले के शुभारंभ पर हवन में चन्दगीराम यादव, रामवीर यादव व जंडेल सिंह आदि
जसवंतनगर(इटावा)। इलाके के गांव कुंजपुरा में पिछले 200 वर्षों से लगने वाला ‘नट-बजनिया’ समाज का मेला सोमवार से आरंभ होगया। मेले में देशभर से इस समाज के लोग पधारने शुरू हो गए।
यह मेला इस समुदाय के आराध्य ब्रह्मलीन दादा आशाराम बाबा के पुराने प्राचीन मंदिर परिषर पर ही लगता आ रहा है।
इस वर्ष के पांच दिवसीय मेला का शुभारंभ विधिवत हवन-पूजन के साथ ग्रामसभा कुईया(सैफई) के प्रधान चन्दगीराम यादव द्वारा किया गया। उन्होंने नेट बजनिया समाज के नेताओं के साथ बाबा के मंदिर में बाबा को पुष्प अर्पण करके नमन भी किया।
पूर्व के वर्षों की भांति नटों की पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन इस बार भी मेले का आकर्षण बनेगा।
मेला अखिल भारतीय बजनिया – नट समाज की पहल व बाबा आशाराम मंदिर सेवा संस्थान समिति द्वारा होली के ठीक बाद लगाया जाता है। इस मेले की तैयारियों और जिम्मेदारियों को लेकर देश के उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों से यहां पहुंचे नट-बजानिया समुदाय के लोग जुटते हैं।सदस्य गणों व मेला अध्यक्ष रामवीर सिंह यादव ‘पप्पू’ ने इस अनोखे मेले के बारे में बताया कि नट समाज के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाले दादा आशाराम बाबा की स्मृति में मंदिर परिषर में यह मेला लगता है। कोविड प्रोटोकॉल्स के चलते दो वर्षों भीड़भाड़ कम रही। इस बार अधिक होने की संभावना है। समाज के श्रद्धालु दूर-दराज से मंदिर में मन्नत मांगने आते हैं।
मेले के शुभारंभ के बाद आसपास के गांवों से होकर शोभायात्रा निकाली जाती है। मेले में गुजराती फाग, रासलीला और पारम्परिक कला का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र बनेगी।
जिम्मेदार व्यवस्थाओं में जुट गए हैं। इस मेले में खेल, तमाशे, झूले वालों व दुकानदार आ चुके है। इस दौरान में जंडैल सिंह नट, संजेश कुमार नट, जोगिंदर, रिंकू आदि मौजूद रहे।
*वेदव्रत गुप्ता