मुस्लिम बहुल देश इराक की सरकार ने शराब बैन करने का बड़ा फैसला किया है. हालांकि, शराब बैन का कानून लागू होते ही इराक में काफी संख्या में लोगों ने इसका विरोध जताना शुरू कर दिया है.
शराब पर प्रतिबंध के बाद इराक के अल्पसंख्यक इस कानून को असंवैधानिक बताते हुए विरोध कर रहे हैं. कई विश्लेषकों का कहना है कि यह कानून इराक को इस्लामिक देश बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है.
इराकी राजनीतिक विश्लेषक अली साहब का कहना है कि इराक इस्लामिक देश नहीं है. कुछ धर्म शराब पीने की अनुमति देते हैं. ऐसे में सरकार दूसरे धर्मों के लोगों पर एक निश्चित राय या विचारधारा नहीं थोप सकती है.
इराक में 95 फीसदी से ज्यादा आबादी मुस्लिम हैं और यह शिया बहुल देश है. इसके बावजूद इराक जनतांत्रिक और धार्मिक विविधता वाला देश है. मध्य पूर्व एशिया स्थित देश इराक ने 4 मार्च को सभी मादक पदार्थों के आयात, उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दिया है.
इस प्रस्ताव को इराक ने 2016 में ही पारित कर दिया था लेकिन उस समय धर्मनिरपेक्षतावादियों और अल्पसंख्यकों की कड़ी आपत्तियों के कारण इसको लागू नहीं किया जा सका था. नए कानून के तहत इसके उल्लंघन पर 1 करोड़ से लेकर 2.5 करोड़ दिनार तक का जुर्माना लगाया जाएगा.