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सैफई मेडिकल कॉलेज में हुई सफल जटिल ओपन हार्ट सर्जरी 

सैफई/जसवंतनगर(इटावा)। चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई के सुपर स्पेशलिटी कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग द्वारा जटिल ओपन हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है।

इस सर्जरी में हार्ट लंग बाईपास मशीन की मदद से मरीज पप्पू, 35 वर्ष, निवासी मैनपुरी के दिल के खराब वाल्व एवं लगभग 200 ग्राम खून के थक्के को निकालकर कृत्रिम माइट्रल वाल्व का सफल प्रत्यारोपण किया गया।

कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष हार्ट सर्जन डॉ० अमित सिंह ने बताया कि मरीज पिछले 10 वर्षों से सांस फूलने एवं छाती के दर्द से पीड़ित था।

।कानपुर एवं लखनऊ में जांच के बाद पता चला कि मरीज को रूमेटिक हृदय रोग है,जिसके कारण उनका माइट्रल वाल्व खराब हो गया और हृदय का आकार अत्यधिक बड़ा हो गया था। साथ ही मरीज के बाएं एट्रियम में खून का बहुत बड़ा थक्का जमा हो गया था ,जिससे मरीज को लकवा मारने और हार्ट फेलियर से मृत्यु की आशंका बनी हुई थी। कमजोर हृदय एवं ऑपरेशन की जटिलता के कारण अब तक उनका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था और मरीज की हालत दिन-ब-दिन खराब होती चली जा रही थी। एनेस्थीसिया टीम की सहायता से मरीज का ओपन हार्ट ऑपरेशन किया गया तथा खून के जमे हुए थक्कों एवं खराब वॉल्व को निकालकर कृत्रिम वॉल्व का सफल प्रत्यारोपण किया गया जिसमें लगभग 8 घंटे का समय लगा। मरीज के पूर्णतः स्वस्थ होने के बाद आज डिस्चार्ज कर दिया गया है।

कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० सुभाष चंद्रा ने बताया कि मरीज का माइट्रल वाल्व खराब होने के कारण कमजोर दिल का आकार अत्यधिक बड़ा हो गया था और खून का बहुत ही बड़ा मुट्ठी के आकार का थक्का जमा हो गया था जिससे खून का प्रवाह अवरोधित हो गया था। इस प्रकार के जटिल केस का ऑपरेशन तकनीकी रूप से बेहद कठिन होता है और खून के थक्के के टुकड़े दिमाग में जा सकते हैं जिससे मरीज कि मृत्यु तक हो सकती है।

विश्वविद्यालय की संकायाध्यक्ष एवं एनेस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० डा0 उषा शुक्ला एवं एनेस्थेटिस्ट डॉ० अमित चंदेल ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान विशेष सतर्कता बरती गई। मरीज का हार्ट कमजोर होने के साथ ही उसको सीवियर पल्मोनरी हाइपरटेंशन भी था जिसके कारण मरीज को ऑपरेशन के बाद दस दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया और दवाइयों से पल्मोनरी हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के बाद वेंटिलेटर से सफलतापूर्वक हटा दिया गया।

मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो० डा0 एस पी सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद अब विश्वविद्यालय के कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी सुपर स्पेशलिटी विभाग द्वारा कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी एवं ओपन हार्ट सर्जरी फिर से शुरू कर दी गई है। जिससे कि अब क्षेत्रीय लोगों को हार्ट सर्जरी के लिए महानगरों में नहीं भटकना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के जटिल हार्ट सर्जरी में लगभग दो से तीन लाख का खर्चा होता है परंतु मरीज आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था इसलिए विश्वविद्यालय द्वारा यह ऑपरेशन असाध्य रोग के अंतर्गत निशुल्क किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो०डा0 प्रभात कुमार सिंह, प्रति कुलपति प्रो० डा0 रमाकांत यादव एवं कुलसचिव डॉ० चंद्रवीर सिंह ने इस जटिल ओपन हार्ट सर्जरी के सफलता पर एनेस्थीसिया, कार्डियक सर्जरी एवं कार्डियोलॉजी विभाग के सभी टीम सदस्यों को बधाई दी और मरीज के पूर्णतः स्वस्थ होकर घर जाने पर प्रसन्नता जाहिर की।

*वेदव्रत गुप्ता