पंजाब में खालिस्तान की मांग उठाने वाला ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह अब केंद्रीय एजेंसियों और पंजाब पुलिस के निशाने पर आ गया है। पुलिस टीमें उसे गिरफ्तार करने के लिए निकली हैं।
इसके पीछे अहम वजह वो खास रिपोर्ट है, जो खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी है। इसमें बताया गया है कि अमृतपाल सिंह जो खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाला 2.0 बताता है, वह धर्म को ढाल या हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
हर व्यक्ति धर्म में सांत्वना खोजने की कोशिश करता है। अमृतपाल ने इसे भुनाया और धर्म की अपनी व्याख्या करते हुए खालसा राज को प्राप्त करने का एक मार्ग दे दिया। अजनाला कांड के बाद, उसने बेअंत सिंह और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का नाम लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दे डाली।
पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों को गिरफ्तार करने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरु किया है। दर्जनों समर्थन पकड़े गए हैं, लेकिन अभी अमृतपाल सिंह का कहीं कुछ पता नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमृतपाल सिंह जो कुछ कर रहा है, उसके पीछे आईएसआई का हाथ है। वह अवसरवादिता और कायरता का मार्ग अपना चुका है।
पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों को गिरफ्तार करने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरु किया है। दर्जनों समर्थन पकड़े गए हैं, लेकिन अभी अमृतपाल सिंह का कहीं कुछ पता नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमृतपाल सिंह जो कुछ कर रहा है, उसके पीछे आईएसआई का हाथ है। वह अवसरवादिता और कायरता का मार्ग अपना चुका है।
किसी भी तरह से एक कट्टरपंथी नेता के रूप में अपनी छवि को बचाने का प्रयास कर रहा था। थाने पर हमला करना और पंजाब सरकार को आगे बढ़ने से रोक देना, ये देश में कानून व्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत नहीं था।