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कोल्ड स्टोरो में हाउसफुल के बोर्ड लगे ,अभी भी 15 परसेंट आलू बाहर

फोटो: एक कोल्ड स्टोरेज के बाहर गेट पर लिखा हाउसफुल तथा एक अन्य कोल्ड स्टोरेज के बाहर लगी आलू लदी ट्रैक्टरों की लाइन

जसवंतनगर (इटावा)। इस बार आलू का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन होने और भाव सस्ते चलने तथा कहीं भी आलू की सरकारी खरीद होती न दिखने से आलू भंडारण का संकट ।उत्पन्न हो गया है।

लगता है कि खेतों में ही काफी मात्रा में पड़ा सड़ जाएगा।

जसवंतनगर क्षेत्र में कुल मिलाकर 24 और सेफई इलाके में तीन कोल्डस्टोरेज हैं। इनमें से सभी लगभग हाउसफुल हो गए हैं। यानि उनकी क्षमता के अनुसार भंडारण के लिए आलू उनमें पहुंच चुका है। केवल इक्का-दुक्का कोल्ड स्टोरेज ही ऐसे हैं ,जिनकी साख अच्छी नहीं है ,उनमें आलू अभी भरना बाकी है।

सूत्रों ने बताया कि जसवंत नगर के कोल्ड स्टोरों की भंडारण क्षमता कुल मिलाकर 65-70 लाख आलू के पैकेट रखने की है ,जबकि सैफई इलाके के कोल्ड स्टोरों की क्षमता 10- 12 लाख पैकेट है। जसवंतनगर और सैफई इलाके के सभी शीत ग्रह में कुल मिलाकर 70 से 80 लाख पैकेट के लगभग आलू भंडारित हो सकता है, जबकि एक अनुमान के अनुसार इस बार यहां इलाके में 1करोड़ पैकेट के लगभग आलू पैदा हुआ है।

इस बार जनवरी के अंतिम सप्ताह और इधर होली के बाद से मौसम में हुई गड़बड़ी और वर्षा होने से आलू की खुदाई में काफी बाधा पड़ी है और आलू अभी तक खेतों में किसान खोद रहे हैं ।

पिछले वर्ष 15 मार्च तक आलू का भंडारण कमप्लीट हो चुका था और कुछ कोल्ड स्टोरेज अपनी क्षमता के अनुसार भंडारण पूरा नहीं कर सके थे।

जसवंतनगर और सैफई इलाके में इस बार आलू का भंडारण होली के 1 हफ्ते पूर्व शुरू हो सका और अभी तक जारी है। अनुमान लगाया गया है कि जिस तरह से आलू भारी मात्रा में पैदा हुआ है, उसकी खुदाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक चलने वाली है ,इसलिए किसान अपने सस्ते आलू को हर हालत में कोल्ड स्टोर में रखकर फायदा उठाना चाहता है।

मगर कोल्ड स्टोर अभी से ही फुल हो गए हैं और किसान अपनी आलू भरी ट्रैक्टर ट्रालियों लेकर कोल्ड स्टोरों के बाहर लाइने लगाए हैं। जबकि कोल्ड स्टोर मालिक अपने कोल्ड स्टोरो के फुल हो जाने के बाद उन्हें ओवर नहीं करना चाहते।

इस बार कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने आलू भंडारण शुल्क भी 240 रुपए से बढ़ाकर 260 रुपए कुंटल किया है , उसके बावजूद भी किसान भंडारण पर ज्यादा जोर दे रहा है। साथ ही व्यापारी गण भी आलू सस्ता होने की वजह से फायदा उठाने की गर्ज से आलू भंडारण कर रहे हैं।

एक शीतगृह मालिक ने बताया कि उसने एडवांस में बारदाना और लोन किसानों को दे रखा है ,इसलिए हाउसफुल के बावजूद वह उन्हीं का आलू गुंजायश कर रखने को मजबूर हैं ,मगर अब जगह अन्य के लिए नहीं है।

आलू भंडारण पर नजर रखने वाले डी एच ओ ऑफिस के एक बाबू यहां जसवंतनगर में रोज चक्कर लगा रहे हैं। वह सही आंकड़े नहीं बता पा रहे, हवा में आंकड़े बाजी कर और कोल्ड स्टोरों में चाय पानी की अपनी जुगाड़ करके गलत आंकड़े प्रशासन को भेज रहे हैं।

*वेदव्रत गुप्ता