फोटो मे- जसवंतनगर के वीहडी क्षेत्र मे स्थिति व्रहमाणी मां का मंदिर और गर्भ गृह मे विराजमान मांता व्रहामणी और अन्य
जसवतंनगर(इटावा)। यहां से लगभग 18 किमी दूर घने वीहडो के वीच स्थिति माता व्राहमाणी मंदिर आसपास के क्षेत्रो के लोगो के लिए श्रद्वा केन्द्र है इस मंदिर पर चैत्र नवरात्रि के दिनो मे वडी संख्या मे झढे चढाऐ जाते है तथा प्रतिदिन हजारो की संख्या मे लोग देवी दर्शन के लिए पहुॅचते है। इस देवी मंदिर का करीब 300 वर्ष पुराना इतिहास है और यह जाखन गांव के बीहड़ों में स्थित है।
सन 2012 -2013 में चैत्र नवरात्रि के मेले के दौरान इस मंदिर पर पीएसी बल ने फायरिंग कर दी थी जिससे कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी इसके बाद से यह मेला प्रशासन की सुर्खियों में चढ़ा और तब से इस मेले में प्रशासन हर वर्ष सख्त से सख्त व्यवस्थाएं करता रहा है ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके।
इस बार बुधवार यानि आज से यहां पर मेला शुरू हो रहा है, जो हालांकि राम नवमी तक चलेगा, मगर आगे भी कई दिन चलता है। इसके लिए तैयारिया पूरी कर ली गई है। देवी मंदिर की मान्यता काफी अधिक है । कई प्रदेशों के लोग दर्शनों को आते हैं। एक जमाने में यह देवी स्थल राजा रजवाड़ों का पूज्य स्थल होने के साथ-साथ दस्यु सम्राटों का भी आराध्य स्थल था।दस्यु सम्राट अपने गिरोहों के साथ मेले में आकर पुलिस की आंखों में धूल झोंक दर्शन हर हालत में करते थे।
यहां के लोग जो अब दूरस्थ शहरो तक पहुॅच गये है,वह भी इन दिनो मां के दर्शन के लिए अवश्य ही यहां आते है ।
श्रद्वालु अपने अपने तरीके से झंडे चढाते है। कोई कंधो पर रखकर झंडो को लाता है। सैकड़ों भक्त अपने गांवों से मीलों जमीन पर लेट लेट कर मंदिर तक की दूरी नापते है। कोई कोई तो दंडवत प्रणाम करते हुये मंदिर तक पहुॅचते है। कई बाकायदा बैंड बाजों, ढोल ताशों के साथ झंडा लेकर आते है और अन्य ढोलक , मजीरो ,चिमटा बजाते हुये मां के दरवार मे पहुॅचते है। इनके साथ आने वाली महिलाए नृत्य व लंगुरिया गाती देवी का दर्शन करने आती है और विहंगम नजारा पेश करती हैं।
मंदिर के एक कि मी पहले से ही धार्मिक वातावरण देखने को मिल जाता है। अष्टमी और रामनवमी के दिन श्रद्वालुओ की लख्खी भीड जुटती है।
ब्राह्मणी देवी मंदिर के पुजारी प्रेम किशोर ने बताया कि एक एक करके ही झंडे चढाने वालो को मंदिर परिसर तक पहुॅचने व्यवस्था की गई है।मंदिर परिसर मे किसी को भी अनावश्यक रूप से रूकने नही दिया जायेगा। सुबह 6 बजे तथा शाम 7 बजे देवी मां की आरती होती है।
क्षेत्राधिकारी अतुल प्रधान ने बताया कि मेले की व्यवस्था के लिए तीन थानाध्यक्ष, 8 उपनिरीक्षक , 6 हेड कांसटेवल, 30 आरक्षी, तथा 7 महिला सिपाही के अलावा डेढ़ सेक्शन पीएसी बल, सीसी कैमरे , फायर विग्रेड, आरटी सेट, 3 ट्रेफिक पुलिस सिपाही को लगाया गया है। जो नवरात्रि शुरू होने की पहली रात तक मंदिर परिसर में तैनात कर दी जाएगी। उन्होने बताया मंदिर के एक किलो मीटर पहले वैरिकेटिंग की व्यवस्था की गई।वहां से छोटा -वडा कोई वाहन मंदिर तक नही पहुॅचेगा।वेदव्रत गुप्ता
*वेदव्रत गुप्ता