सरकार ने ने कच्चे तेल पर पर लगने वाले अप्रत्याशित कर यानी विंडफॉल टैक्स को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। सरकार का यह फैसला मंगलवार से प्रभावी हो गया है।
सरकार के इस फैसले से पहले कच्चे तेल पर 3,500 रुपये (42.56 डॉलर) प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लग रहा था। इसके अलावे सरकार ने सरकार ने एटीएफ और पेट्रोल पर लगने वाली स्पेशल एडिशनल एक्सपोर्ट ड्यूटी भी हटा दी है।
डीजल पर प्रति लीटर एसएसईडी 50 पैसे है।उस दौरान सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया था क्योंकि निजी रिफाइनर इसे घरेलू स्तर पर बेचने के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत मार्जिन के साथ बेचकर लाभ कमाने चाहते थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जो गुजरात के जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी एक स्थाना पर स्थित तेल रिफाइनरी परिसर का संचालन करती है। वहीं, रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी देश में ईंधन का सबसे बड़ा निर्यातक है।
ऊर्जा कंपनियों के सुपर मुनाफे पर कर लगाने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर 26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था।