फ़ोटो: कथा सुनाते कथा वाचक निशांत मिश्रा
जसवन्तनगर(इटावा)। जब धरती पर अधर्म और अनाचार बढ़ता है,, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेकर अपने भक्तों और इस धरती को आत्तायियों से मुक्ति दिलाते हैं।
यह बात नगर के समीप के ग्राम नगला इच्छा में चल रही श्रीमद भागवत कथा सप्ताह में प्रवचन करते हुए वृदावन के कथा बाचक निशांत मिश्रा ने कही है।
मंगलवार को आयोजित भगवत कथा में कंस वध और रुक्मणी विवाह का प्रसंग उन्होंने सुनाया।
उन्होने बताया कि कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के तमाम प्रयास किए। असफल होने के बाद अक्रूर को मथुरा में उत्सव के बहाने कृष्ण और बलराम को लेने भेजा। गोकुलवासियों की मनाही के बावजूद भगवान कृष्ण मथुरा पहुंचते हैं। दोनों को मारने की योजना बनाकर कंस एक मदमस्त हाथी छोडता है। भगवान उसका वध कर देते हैं ।भगवान कृष्ण कंस को ललकारते है और उसके सिहासन पर चढ़कर कंस को घसीटकर , उसका वध कर देते हैं
रुक्मणी विवाह का प्रसंग भी सुनाया गया। जहां भगवान कृष्ण शत्रुओं को पराजित कर रुक्मणी से विवाह करते हैं।
इस भगवत कथा में परीषत की भूमिका में शिववीर सिंह फौजी तथा उनकी पत्नी श्रीमती शकुंतला देवी के अलावा यज्ञकर्ता शारदा देवी, किरण देवी ,जमुना देवी जयवीर सिंह हैं। भंडारी के साथ 6 अप्रैल को कथा का समापन होगा।
- *वेदव्रत गुप्ता
फ़ोटो: कथा सुनाते कथा वाचक निशांत मिश्रा