रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता
फफूंद,औरैया। सरकार का एक अप्रैल से सड़कों व खेतों के आस-पास छुट्टा मवेशियों के नहीं दिखने का दावा खोखला साबित हुआ । खेत से लेकर हाईवे, मुख्य सड़कों तक अन्ना मवेशियों का डेरा है। मवेशी फसलें बर्बाद कर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। वहीं, सड़क हादसों की प्रमुख वजह भी बने है। शासन से इन्हें हर हाल में 31 मार्च तक गोशालाओं में संरक्षित किया जाना था, मगर इस पर अमल नहीं हुआ। जिम्मेदार अन्ना घूम रहे 12 हजार के करीब मवेशियों को जल्द गोशालाओं में संरक्षित किए जाने का दम भर रहे हैं। जिले में 44 गोशालाएं संचालित हो रही है। इनमें से 42 अस्थाई व दो स्थाई गोशालाएं है। इनमें 10030 गोवंशों को संरक्षित किया गया है। इसके अलावा 1823 मवेशियों को पशु सहभागिता में दिया गया है। विभागीय आंकड़ों की बात करें तो जिले के सातों ब्लॉक में अभी भी 12727 मवेशी अन्ना घूम रहे हैं। नगरीय निकाय से लेकर ग्रामीण इलाकों तक घूमने वाले अन्ना मवेशियों के लिए अभियान चलाकर इन्हें 31 मार्च तक गोशालाओं में संरक्षित किया जाना था। इसके पीछे मवेशियों को सुरक्षित करना, किसानों की फसलों को बर्बाद होने से रोकना न और सड़क हादसे कम करना था। मगर आंकड़ों के अनुसार जिम्मेदार सरकार के आदेशों पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए। हालात यह है कि आज भी सड़कों से लेकर खेतों तक मवेशियों का झुंड नजर आ रहा है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मंशाराम ने बताया जिले में 12,727 अन्ना मवेशी घूम रहे हैं। इन्हें संरक्षित कराया जा रहा है। पंचायतों को भी छुट्टा भवेशियों को संरक्षित कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। जल्द ही यह समस्या दूर होगी, जिले में 14 गोशालाओं का निर्माण भी कराया जा रहा है।