तालिबान की नई सरकार के एलान को अभी बहुत दिन नहीं बीते हैं लेकिन आशंकाओं के मुताबिक तालिबान की सरकार में दरार नजर आनी शुरू हो गई है. कतर के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के काबुल दौरे के बीच उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर और उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास के गायब रहने से सवाल खड़े हो गए हैं.
उन्होंने अफगानी नेताओं और तालिबानी सरकार के साथ मुलाकात की. लेकिन तालिबान की ओर से जारी बयान में कतर के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री के साथ बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर का नाम नहीं था.
तस्वीरों में भी मुल्ला बरादर कहीं नजर नहीं आया और उसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या इस गैर मौजूदगी की वजह तालिबान में कैबिनेट गठन के बाद पैदा हुई दरार है.
अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार को हटाकर तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बना ली. ताकत के हिसाब से तालिबान के आतंकवादियों को सत्ता में भागीदारी भी मिल गई.
तालिबान की इस सफाई से भी तालिबान में दरार की चर्चाओं को विराम नहीं मिला क्योंकि इतनी बड़ी बैठक से तालिबान के दोहा पॉलिटिकल आफिस का एक और बड़ा नेता और तालिबान कैबिनेट में उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास भी इस बैठक में नजर नहीं आया.