माधव संदेश/ ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव
रायबरेली । शहर को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष पद की ताजपोशी को चुनाव का बिगुल बज गया है । प्रमुख राजनैतिक दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी कमर कसते हुए चुनाव प्रचार में पसीना बहाना शुरू कर दिया है । पिछले कुछ दिनों में जिले की सियासत में टिकट बंटवारे को लेकर उठापठक के बीच जहां सत्ताधारी दल ने एक चिकित्सक की पत्नी शालिनी कनौजिया को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने अपने गढ़ में मूल कार्यकर्ता शत्रोहन सोनकर पर भरोसा जताया है । जबकि समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री के करीबी पारसनाथ को टिकट दिए जाने पर बगावती तेवर भी देखने को मिला । उल्लेखनीय है कि सपा से पूर्व नपाप अध्यक्ष और महामंत्री रहे मो इलियास उर्फ मन्नी ने टिकट को लेकर सपा के स्थानीय नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया । साथ ही बिना देर किये ही उन्होंने कांग्रेस का दामन भी थाम लिया । पिछले कुछ चुनावों पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2012 में सपा से मो इलियास के सर पर पालिका का ताज सजा तो फिर उसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस की पूर्णिमा श्रीवास्तव ने कुर्सी पर कब्जा जमाया । लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था ।
इनसेट
एक दशक से लगातार शत्रोहन बन रहे वार्ड 20 के सभासद
रायबरेली । वर्ष 1987 से यूथ कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद शत्रोहन सोनकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा । वर्ष 1988 में संगठन सचिव वर्ष 1996 में महासचिव और 1998 में उपाध्यक्ष बनाये गए । फिर 2003 में शहर कांग्रेस कमेटी के सदस्य और 2012 में सचिव बनाये गए । सक्रियता के चलते उन्हें पुनः वर्ष 2017 में जिला कांग्रेस कमेटी का संगठन सचिव बना दिया गया । वर्ष 2020 में उन्हें शहर कांग्रेस कमेटी का महासचिव बना दिया गया । इस बीच वर्ष 2006 को वह वार्ड नंबर 20 के सभासद बने तो आज तक अपराजेय बने हुए हैं । आमजन के बीच सर्वसुलभ और स्वच्छ छवि होने के कारण उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है ।