माधव संदेश /क्राइम ब्यूरो दीपक राही
रायबरेली । नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी को लेकर प्रत्याशियों ने मतदाताओं की चौखट पर माथा टेकना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि जिले की एकमात्र नगर पालिका में अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जेदारी को लेकर प्रमुख दलों ने जोर आजमाइश आरम्भ कर दिया है । बताते चलें कि इस बार सत्तारुढ़ दल भाजपा से शालिनी कनौजिया, कांग्रेस से शत्रोहन सोनकर, समाजवादी पार्टी से पारसनाथ, बसपा से जगजीवन राम वाडले एआईएमआईएम से राजेश कुरील सहित कुल 14 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे । जिसमें 3 प्रत्याशियों के नाम वापस ले लेने से अब 11 दावेदार ही मैदान में बचे हैं । बीते दिवस प्रत्याशियों को चुनाव निशान मिल जाने के बाद सभी अपने-अपने प्रचार में एडी़ चोटी का जोर लगाने की पुरजोर कोशिश में जुट गए हैं । दिलचस्प है कि बड़ी पार्टियों में सत्तारुढ़ दल भाजपा के अतिरिक्त जमीनी स्तर पर सिर्फ कांग्रेस का बूथ संगठन सबसे मजबूत नजर आ रहा है । जबकि सपा की तरफ से यह चुनाव पूर्व मंत्री और ऊंचाहार विधायक मनोज पांडे ने कमान अपने हाथ में थाम रखी है । लेकिन टिकट बंटवारे की अंतर्कलह और पूर्व पालिकाध्यक्ष के इस्तीफे के बाद से सपा का माहौल बिगड़ने के आसार दिखाई पड़ रहा है । पिछले चुनाव परिणाम की ओर नजर डाली जाए तो शायद इसी कारण से सत्ता न होने के बाद भी पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया था । फिलहाल सियासी गलियारों में अन्य बड़े दलों की अंतर्कलह और अनुभवी चुनावी प्रबंधन का सीधा लाभ शत्रोहन सोनकर को मिलने की चर्चा है । यही नही सभी वर्गों के आमजन में शत्रोहन की
निष्पक्ष और स्वतन्त्र कार्यक्षमता के साथ चिरपरिचित लोकप्रियता से उनकी जीत के कयास भी लगाए जा रहे हैं । वैसे नगर पालिका क्षेत्र के मतदाता किसके भाग्य विधाता बनते हैं जिसके माथे पर जीत का सेहरा बंधेगा यह आगामी समय में तय होगा ।