Sunday , November 24 2024

ब्रॉन्ज़र और हाईलाइटर में आखिर क्या हैं अंतर जानिए यहाँ

ब्लशेज़ अब लिप टिंट से भी लगाए जा सकते हैं, लिपस्टिक को आईशैडो से भी लगाया जा सकता है और इसकी तरह के कई मेकअप हैक्स आपके चंद रुपये बचा सकते हैं  तो अब जब यहां मेकअप प्रोडक्ट्स की मल्टी यूज़ेस होने लगे हैं तो ऐसे में ज़रूरी है कुछ महत्वपूर्ण डिफरेंसेज़ के बारे में जानकारी रखना।

 तो ब्रॉन्ज़र और हाईलाइटर में क्या डिफरेंस है, और दोनों को किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है? हमने इस बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली है दो अब हम आपके साथ भी शेयर करने वाले हैं। ब्रॉन्ज़र और हाईलाइटर के बीच का फर्क जानना बेहद ज़रूरी है। तो हम आगे आपको बताएंगे कि स्ट्रैटेजिकली इन दोनों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।

• जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है कि ब्रॉन्ज़र का इस्तेमाल ब्रोंज़्ड या सनकिस्ड लुक देने के लिए किया जाता है। ये टिपिकली पाउडर या क्रीम फॉर्म में आता है और चेहरे के उन हिस्सों में लगाया जाता है जहा पर सूरज की रोशनी सीधे लगती हों, जैसे फॉरहेड, नाक, गाल और ठोडी पर।

• कई मेकअप प्रोडक्ट्स की तरह ब्रॉन्ज़र के भी कई शेड्स की वैरायटी आती है जो आपके स्किनटोन पर से मैच करे। फिर चाहे स्किनटोन लाइट हो या डार्क हो।

• ब्रॉन्ज़र चुनते समय ध्यान रखने वाली बात ये है हमें ऐसा सेड चुनना चाहिए जो हमारी नेचुरल स्किनटोन को कॉम्प्लिमेंट करे जिससे मडी या अननेचुरल अपीयरेंस ना हो।