आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में खराब रणनीतियों से बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। देश में अमेरिका व यूरोप जैसी स्थिति पैदा न हो, इसलिए केंद्रीय बैंक घरेलू कर्जदाताओं के कारोबार मॉडल पर बारीक नजर रखे हुए है।
उन्होंने अमेरिका में हाल की घटनाओं के लिए खराब कारोबारी मॉडल को एक बड़ी वजह बताया। गवर्नर ने एक वैश्विक सम्मेलन में कहा, अमेरिका में हाल के घटनाक्रमों से यह सवाल खड़ा हुआ है कि क्या व्यक्तिगत बैंकों का कारोबारी मॉडल सही था। इन घटनाओं से सबक लेते हुए आरबीआई ने अब बैंकों के कारोबारी मॉडल पर निगाह रखनी शुरू की है।
- 16.1% था पूंजी पर्याप्तता अनुपात दिसंबर, 2022 में, जो न्यूनतम आवश्यकताओं से अधिक है
- घरेलू वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है केंद्रीय बैंक
- निगरानी के लिए स्थापित किए गए हैं विभिन्न ढांचे
जोखिमों के आकलन के लिए व्यापक उपाय भी लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को संगठनात्मक रूप से लचीला होने की जरूरत है।