इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने अगले चार साल (2024-2027) के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के लाभ साझा करने के प्रस्तावित मॉडल की आलोचना की है जहां भारत को सालाना 60 करोड़ डॉलर के राजस्व का 38.50 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।
यदि आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति द्वारा प्रस्तावित मॉडल को जून में वार्षिक सम्मेलन के दौरान पारित किया जाता है तो बीसीसीआई को सालाना 23 करोड़ 10 लाख डॉलर मिलेंगे जबकि इंग्लैंड 6.89 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे अधिक राजस्व हासिल करने वाला देश होगा।
आथर्टन ने हालांकि कहा कि अन्य सभी देशों के राजस्व में भी उछाल देखने को मिलेगा इसलिए वैश्विक सम्मेलन के दौरान शायद ही कोई इस पर सवाल उठाए।आथर्टन ने एक कॉलम में लिखा- प्रस्तावित वितरण मॉडल पर जून में अगली आईसीसी बैठक में चर्चा की जाएगी लेकिन हर देश को अभी की तुलना में बड़ी राशि (धनराशि के लिहाज से) मिल रही है इसलिए प्रस्तावों को चुनौती देने की इच्छा कम हो सकती है।
दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि जैसा कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अहसान मनि ने इस सप्ताह कहा था- पैसा वहां जा रहा है जहां इसकी सबसे कम जरूरत है।