भागवत कथा में सुनाया गोवर्धन पूजा का प्रसंग8 Post navigation Previous Post भागवत कथा में सुनाया गोवर्धन पूजा का प्रसंग सैफई ( इटावा) तहसील क्षेत्र के रणबीर सिंह इंटर कॉलेज परासना में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन शनिवार को कथाव्यास श्री श्री 1008 महंत हरभजन दास महाराज (पीठाधीश्वर पिलुआ हनुमान मंदिर) नें श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग विस्तार से सुनाए। कथा में गोवर्धन पर्वत की कृत्रिम आकृति झांकी के माध्यम से दर्शाई गई। भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए गए। कथा के पांचवे दिन कथा पंडाल में मुख्य आकर्षण का केंद्र दीपक नृत्य रहा जिसने श्रृद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान श्रृद्धालुओं के द्वारा गोवर्धन भगवान को छप्पन भोग लगाकर धूमधाम से उत्सव मनाया गया। इससे पूर्व प्रवचनों में कथाव्यास श्री श्री 1008 महंत हरभजन दास महाराज नें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर धर्म और सत्य की पुन: स्थापना के लिए द्वापर युग में अवतार लिया। उन्होंने बाल्य अवस्था में ही कालीय नाग का मर्दन करके यमुना जी को पवित्र किया, पूतना एवं बकासुर आदि मायावी शक्तियों का अंत किया। बृज भूमि में आतंक के पर्यायी कंस मामा का वध करके अपने माता-पिता देवकी-वसुदेव और नाना महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराया। गोवर्धन पूजा में प्रकृति की पूजा का उल्लेख किया गया। गायकों द्वारा सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। भागवत आरती में परीक्षित बेचेलाल एवं सुदामा देवी ने अंत में श्रोताओं को आरती ग्रहण कराई। इस मौके पर आयोजक, बलवीर सिंह यादव ठेकेदार, राजवीर बाबा,ओमवीर सिंह,धर्मवीर सिंह,प्रदीप प्रदीप आढ़तिया महोला,सर्वेश प्रधान,आजाद यादव प्रधान,अर्जुन सिंह,अवनीश यादव, आदि मौजूद रहे।