Friday , October 25 2024

*RTI -सूचना का अधिकार अधिनियम पर भ्रष्ट अधिकारियों की बुरी नजर:*अधिकारियों की बुरी नजर:*▫️

09456010683-

*MEDIA REPORT -मोनू- अहमद खान*✍️

*सहारनपुर /*☑️

*हमारे भारतीय लोकतंत्र एवं संविधान ने अपने देश के समस्त नागरिकों को सरकारी विभागों में भ्रष्टाचारी का दूर करने का मध्यम एवं सुरक्षा कवच के रूप में आरटीआई का प्रावधान बनाया हुआ है. ताकि देश का हर नागरिक अपने अधिकारों का प्रयोग कर सरकारी विभागों की कथनी और करनी से संबंधित जानकारी को प्राप्त कर सके. लेकिन आज वर्तमान स्थिति के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. क्योंकि आरटीआई (राइट टू इनफार्मेशन एक्ट) पर सरकारी विभागों में विराजमान कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का रवैया आरटीआई को लेकर तानाशाही बना हुआ है, खास तौर पर यह हालात हमारे सहारनपुर में भी अधिक देखने को मिलने लगे हैं. या तो आवेदक नागरिकों को झूठी और भ्रमित जानकारियां प्राप्त कराई जाती है, या फिर उन्हें मांगी गई सूचना से सत्यता के आधार से हटकर घुमा फिरा कर जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. कुल मिलाकर अपने भ्रष्ट सिस्टम पर पर्दा डालने के लिए पूरी तरह से सोची समझी साजिश के तहत योजना बनाई जा रही है. मैं अहमद खान उर्फ मोनू खान एक आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में अनेकों विभागों में आरटीआई दाखिल कर जानकारी मांग चुका हूं, जिस के संदर्भ में सहारनपुर के सरकारी विभागों के द्वारा मुझे झूठी और भ्रमित जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं. हालांकि ऐसे भ्रष्ट विभागों के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए सूचना आयोग में अपील दायर करने का मन बना रहा हूं. लेकिन फिर सवाल यही है कि आखिरकार सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी विभागों में शासन द्वारा जिन जन सूचना अधिकारियों की नियुक्त किया गया है, क्या इनकी आचरण नियमावली के अंतर्गत जांच नहीं होनी चाहिए. हालांकि मेरे पास विभागों द्वारा दी गई झूठी जानकारी का प्रमाण पत्र भी मौजूद है, जिसके अंतर्गत झूठी जानकारी देने की एवज में सूचना आयोग से ऐसे विभागों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 166ए, 167, 420, 468, और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कराने की भी अपील करूंगा. ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके.*