मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश को सड़कों की बड़ी सौगात दी.प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्राम्य विकास विभाग की 4130 करोड़ की लागत से बनने वाली 4208 किलोमीटर की 886 ग्रामीण मार्गों के निर्माण का जहां मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया तो वहीं, 155 करोड़ की लागत से 1930 किलोमीटर के 692 ग्रामीण मार्गों का नवीनीकरण का लोकार्पण भी किया. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग के अंतर्गत आने वाले जिला पंचायतों के अंतर्गत हॉट मिक्स पद्धति से बनने वाली 195 करोड़ की लागत से 537 किलोमीटर लंबी 509 ग्रामीण मार्गों का लोकार्पण किया. वहीं, 33 करोड़ की लागत से 48 किलोमीटर बनने वाली 14 ग्रामीण मार्गों का शिलान्यास भी किया. दूसरी तरफ प्रदेश में आज से गड्ढा मुक्ति अभियान की शुरुआत भी हुई है, जो 15 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाली 63 हज़ार किलोमीटर से ज्यादा सड़कों पर मौजूद गड्ढों को भरने का काम किया जाएगा, जिस पर 230 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा. आज मुख्यमंत्री ने कहा कि, सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
गड्ढों पर घिरी सरकार
बीते कुछ दिनों से सड़कों में मौजूद गड्ढों को लेकर सियासी दलों ने सरकार पर खूब तंज किया है. ट्वीट के जरिये निशाना भी साधा है. इसमें ना कांग्रेस पीछे रही ना समाजवादी पार्टी पीछे रही. प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया तो अखिलेश यादव ने भी इन गड्ढों की तस्वीरों को ट्वीट कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया, और आज तो बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट के जरिए सड़कों की क्या दशा है उसकी हकीकत बयां की.
सरकार के मंत्री दे रहे हैं सफाई
हालांकि, मायावती के इस ट्वीट पर सरकार के मंत्री साफ तौर पर कह रहे हैं कि जब भी बरसात होती है तो सड़कों की स्थिति ऐसी हो जाती है और बरसात के बाद सड़कों को ठीक किया जाता है. ये किसी भी सरकार में होता है, लेकिन सड़कों के गड्ढों को भरने का काम सरकार ने शुरू किया है. वहीं, उनका यह भी कहना है कि, इसे कुछ लोग सियासी हथियार बना रहे हैं, लेकिन गड्ढों को भरने का काम बरसात के बाद ही किया जाता है.
जाहिर है जब चुनाव करीब हो तो हर छोटे से छोटा मुद्दा भी बड़ा बन जाता है और जब यूपी की बात हो तो सड़कों के गड्ढे चुनाव से पहले सियासी दलों के लिए सरकार को घेरने का जहां मुफीद हथियार बन गया है, तो वहीं आम जनता के लिए यह गड्ढे परेशानी का एक बड़ा सबक बने हुए हैं.