पंकज शाक्य संवाददाता मैनपुरी
किशनी/मैनपुरी- थाना क्षेत्र के गजपुरा प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिक की दबंगई सामने आई है।एक ग्रामीण द्वारा रोजाना लेट आने का कारण पूछने व वीडियो बनाने पर शिक्षिका ने ग्रामीण को चप्पल जड़ दी।इतना ही नही कार्यवाही से बचने के लिए उल्टा 112 नम्बर पुलिस को सूचना भी दे दी कि उसके साथ लूट की गई है।सूचना पर 112 व थाना पुलिस ने जब जानकारी की तो शिक्षिका की गलती निकलकर सामने आई।जांच में गए संकुल प्रभारी ने शिक्षिका पर कार्यवाही न हो इसलिए समझौता भी करवा दिया।
बुधवार को बीस वर्षों से लगातार गांव गजपुरा के प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका मीरा देवी से एक ग्रामीण द्वारा लेट आने की कहने व वीडियो बनाने पर दबंगई सामने आई है।शिक्षिका ने ग्रामीण के चप्पल जड़ दी जबकि वह मैडम मैडम बनाये गए वीडियो में कह रहा है।कार्यवाही के डर से शिक्षिका ने वीडियो बनने के बाद 112 पुलिस को ग्रामीण द्वारा लूट की झूठी सूचना दे दी।सूचना पर पहुंची 112 व थाना प्रभारी वेगराम कश्यप ने जब दोनों पक्षों की आमने सामने बुलाकर जानकारी की तो गलती शिक्षिका की ही निकली।ग्रामीणों ने शिक्षिका के लेट आने की जानकारी खंडशिक्षा अधिकारी सर्वेश यादव को दे दी।जांच में पहुंचे संकुल प्रभारी अवधेश कुमार ने शिक्षिका द्वारा पुलिस को झूठी सूचना देने पर जमकर लताड़ लगाई।शिक्षिका पर कार्यवाही न हो इस कारण संकुल प्रभारी ने दोनों पक्षों का प्रधान की मौजूदगी में लिखित समझौता भी करवा दिया और पुलिस को दे दिया।
इनर
परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों का देर से आना या बिल्कुल न आना कोई नया नहीं है। इसका प्रमुख कारण उच्चाधिकारियों द्वारा समय समय पर क्षेत्र के स्कूलों का दौरा न करना है।आखिर क्या मजबूरी है कि एक शिक्षिका को लगातार बीस वर्षों तक एक ही स्कूल में रखा गया है। यदि संकुल प्रभारी ने दोनों पक्षों में समझौता करा भी दिया है तो इससे घटना का पटाक्षेप नहीं हो जाता। मानलीजिए कि उक्त युवक ने बिना वीडियो बनाये ही पूछा होता और उसके पास कोई प्रमाण न होता तो शिक्षका लूट का मुकद्दमा लिखबाने में सफल भी हो जाती। ऐसे अध्यापक जो पुलिस को गुमराह कर किसी पर झूठा मुकद्दमा लिखबाने का दुस्साहस करे उसपर कार्यवाही तो होनी ही चाहिए। साथ ही उनका स्थानांतरण भी अन्यत्र किया जाना चाहिए।