अगर आपका पर्सनल खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में है तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. बैंक में केवाईसी करवाने के लिए आपको ब्रांच जाने की जरूर अब नहीं पड़ेगी. बताया जा रहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ( BOB ) ने ‘वीडियो री-केवाईसी’ सेवा शुरू की जिसमें ग्राहकों को अपनी बैंक शाखा न जाने पर भी ‘अपने ग्राहक को जानो’ ( KYC ) से संबंधित कार्रवाई पूरा करने की वैकल्पिक सुविधा मिलेगी.
वीडियो केवाईसी सुविधा का इस्तेमाल बैंक के वही व्यक्तिगत खाताधारक कर सकेंगे जो 18 साल से अधिक उम्र वाले भारतीय नागरिक हों और उनके पास अपना आधार नंबर और पैन कार्ड हो.
कैसे होगा ऑनलाइन केवाईसी
वीडियो री-केवाईसी करवाने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले चरण में ग्राहकों को बीओबी की वेबसाइट पर जाकर री-केवाईसी के लिए अपना आवेदन करना होगा. ऑनलाइन आवेदन जमा होने के बाद बैंक का कर्मचारी वीडियो कॉल कर केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करेगा. इस दौरान ग्राहक को अपने पास पैन कार्ड, एक सफेद कागज और नीले या काले रंग का एक पेन रखना होगा. बैंक ने बयान में कहा कि किसी कारोबारी दिन में सुबह 10 बजे से लेकर शाम छह बजे के दौरान वीडियो केवाईसी कॉल की जाएगी. वीडियो कॉल पूरा होने के साथ ही बैंक के रिकॉर्ड में ग्राहक से संबंधित ब्योरा अपडेट हो जाएगा. इस बारे में एक मैसेज भेजकर ग्राहक को सूचित भी कर दिया जाएगा. बैंक ऑफ बड़ौदा ने डिजिटल बचत खातों के लिए वर्ष 2021 में वीडियो केवाईसी सुविधा शुरू कर दी थी. अब इसका विस्तार उसके परंपरागत ग्राहकों के लिए भी कर दिया गया है.
केवाईसी का पूरा नाम ‘Know Your Customer’ होता है, और यह एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य वित्तीय सेवाओं की प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा ग्राहकों की पहचान की पुष्टि करना होता है. KYC प्रक्रिया द्वारा संस्थाएं या निवेशकों को उनके ग्राहकों की पहचान, पता, और वित्तीय परिपत्रों की जानकारी की पुष्टि करती है. यह वित्तीय फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करता है. KYC में ग्राहक की व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि नाम, पता, जन्मतिथि और जाति प्रमाणपत्र आदि की जानकारी बैंक को दी जाती है. इसके लिए ग्राहक के पते की पुष्टि के लिए पता प्रमाणपत्र की जानकारी आवश्यक होती है. ग्राहक की पहचान की पुष्टि के लिए एक आधार कार्ड, पैन कार्ड, चुनाव पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि की जानकारी आवश्यक होती है. वित्तीय परिपत्रों की जानकारी जैसे कि बैंक खाते की जानकारी, आयकर आदेश, निवेश पोर्टफोलियो, और अन्य संबंधित विवरण आवश्यक होती है. KYC प्रक्रिया के माध्यम से संस्थाएं अपने ग्राहकों की पहचान की पुष्टि करके उनके साथ सुरक्षित वित्तीय संवाद और निवेश की सुविधा प्रदान करती हैं. यह भी वित्तीय अपराधों को रोक