प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं लोगों को लेकर एक नया अपडेट आया है. दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी बैंकों को पीएम किसान योजना का लाभ उठाने वाले लगभग 81,000 अपात्र किसानों से पैसा वापस लेने की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया है.
ये वे लोग हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स चुकाने या अन्य कारणों से इस योजना का लाभ उठाने के लिए अयोग्य पाया है.
आपको बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर भूमि धारक किसान परिवारों को सालाना 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में आर्थिक सहायता के रुप में दिए जाते हैं.
जांच के दौरान हुआ खुलासा
पीएम किसान योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य सरकारें उन किसान परिवारों की पहचान करती हैं जो सहायता के लिए पात्र हैं. इसके बाद लाभार्थी किसान परिवारों को सीधे बैंक अकाउंट में सहायता राशि भेजी जाती है. इस योजना के लाभार्थियों की जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि बिहार में 81,000 अयोग्य किसानों के अकाउंट में पैसे चले गए हैं. यह खुलासा होने के बाद इन सभी किसानों से पैसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बिहार सरकार के निदेशक (कृषि) आलोक रंजन घोष ने बताया कि जांच के बाद केंद्र सरकार ने बिहार में कुल 81595 किसानों को अयोग्य लाभार्थियों के रूप में पहचान की है.
81.59 करोड़ रुपये लिए जाएंगे वापस
बिहार राज्य कृषि विभाग ने सभी संबंधित बैंकों से अयोग्य किसानों से धनराशि वापस लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है. बता दें कि राज्य के 81,595 किसानों से लगभग 81.59 करोड़ रुपये वापस लिए जाने हैं. बैंकों को सलाह दी गई है कि यदि आवश्यक हो तो अयोग्य किसानों को नए सिरे से रिमाइंडर भेजें. इसके अलावा बैंकों को अयोग्य किसानों के अकाउंट से लेन-देन पर रोक लगाने को भी कहा गया है.
इतने पैसे वसूल कर चुकी है सरकार
यह योजना देश के छोटे और सीमांत किसानों को न्यूनतम आय सहायता देने के लिए यह योजना शुरू की थी. लेकिन योजना के तहत हजारों अपात्र किसानों को भी राशि बांट दी गई. अब तक अयोग्य लाभार्थी किसानों से 10.31 करोड़ रुपये वापस ले लिए गए हैं. बता दें कि इस योजना के जिन लाभार्थियों को सरकार ने आयकर का भुगतान करने या अन्य कारणों से अयोग्य पाया है, उन्हें अब तक प्राप्त राशि सरकार को वापस करनी होगी.