विश्वकर्मा दिवस पर प्रदेश में सभी बैंक 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बाटेंगे। बैंकों को इस संबंध में निर्देश जारी करने के साथ अधिक से अधिक लोगों को लोन देने का आह्वान किया गया है। ये कर्ज गरीब बढ़ई, प्लंबर, मिस्त्री सहित डेढ़ दर्जन कुशल कामगारों और उद्यमियों को दिया जाएगा, जो अपने आप में एक रिकार्ड होगा।
17 सितंबर को विश्वकर्मा दिवस पर प्रदेश सरकार ने बड़ी तैयारी की है। हाल ही में आरबीआई और बैंकरों की बैठक में एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस दिन 30 हजार करोड़ रुपये के वृहद लोन वितरण का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इतनी बड़ी मात्रा में एक दिन में लोन पहली बार वितरित किया जाएगा। इसका लाभ डेढ़ दर्जन से ज्यादा ट्रेड के कुशल कामगारों को मिलेगा।
अभी तक 2.18 लाख कामगारों को प्रशिक्षित करने के बाद टूल किट दी जा चुकी है। इस साल 75 हजार कामगारों को टूल किट दी जा रही है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बढ़ई, नाव निर्माता, शस्त्र निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, तालासाज, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, स्टोन ब्रेकर, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई व झाड़ू बुनकर, पारंपरिक खिलौना बनाने वाले, नाई, माली, धोबी,दर्जी और मछली जाल निर्माता को प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड भी मिलेगा। ये योजना 17 सितंबर से शुरु हो रही है।
कौशल विकास मिशन के तहत इन ट्रेड्स में लाभार्थी पांच दिन का प्रशिक्षण लेंगे। इस अवधि में उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी मिलेगा। योजना के अनुसार 30 लाख ‘विश्वकर्मा’ को बेसिक ट्रेनिंग और तीन लाख को एडवांस ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। बेसिक ट्रेनिंग लेने वाले 30 लाख ‘विश्वकर्मा’ को टूलकिट इंसेंटिव्स के लिए 15 हजार रुपए ई-वाउचर या ई-रूपी के रूप में दिए जाएंगे।