पितरों को याद करने वाली पूजा पितृ पक्ष की शुरुआत इस साल 20 सितंबर से होने जा रही है, जो 6 अक्टूबर तक चलेगी। इस साल पितृ पक्ष 16 दिनों का होगा।
इस दौरान पितरों की आत्म तृप्ति के लिए पूजा और तर्पण की जाती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों से संबंधित कार्य करने पर उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पितृ पक्ष के दौरान गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों को खाना देना शुभ माना जाता है। इस दौरान लोग गाय, कुत्तों, कौवों आदि को भोजन खिलाते हैं।
पितृ अपना भाग पाकर तृप्त होते हैं और प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। जो लोग श्राद्ध नहीं करते उनके पितरों को मुक्ति नहीं मिलती और फिर पितृ दोष लगता है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों को श्राद्ध या पूजा करना आवश्यक है।
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है। हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद भी पूर्वजों का समय-समय पर स्मरण किया जाता है और श्राद्ध पक्ष उनके प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने और उनके निमित्त दान करने का खास महत्व है।