Sunday , November 24 2024

राम मंदिर में आरती के दौरान सेना के हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा, मेहमानों को दी जाएंगी घंटियां

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तैयारियां पूरी हो गई है। अयोध्या की गलियां, सड़कों पर राम भक्तों का जमघट लगा हुआ है। रात से ही मंदिर परिसर और अयोध्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हो गया है। विदेश में भी इस कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह दिख रहा है। कई देशों में सुंदरकाण्ड, रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है। राम मंदिर में आरती के दौरान सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। साथ ही 30 कलाकार मंदिर परिसर में कई भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाएंगे। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि सभी मेहमानों को घंटियां भी दी जाएगी, जिन्हें वे आरती के दौरान बजाएंगे।

अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य करेंगे
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर करीब 12 बजे अयोध्या में राम मंदिर में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक सम्प्रदायों के प्रतनिधि शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सभा को संबोधित भी करेंगे। बता दें शास्त्रानुसार दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य करेंगे। गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की समस्त कार्यवाही की देखरेख, समन्वय और निर्देशन करेंगे और प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे।

नागर शेैली में हुआ मंदिर का निर्माण
भव्य राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।