सुबोध पाठक
*ग्रामीण क्षेत्रों में बहाल नही हो सकी बिजली
जसवंतनगर।यहां क्षेत्र में गुरुवार की सुबह से बिजली की हाय तौबा मची हुई है। कस्बे के फीडर 18 से 24 घंटे तक विद्युत आपूर्ति से वंचित रहे।प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के गृह क्षेत्र जसवंतनगर को विद्युत आपूर्ति के ऐसे हालात 10 वर्ष बाद देखने पड़े।
लोग जलापूर्ति से लेकर अपने मोबाइल फोन तक चार्ज करने को तरस गए, जिनके घरों-प्रतिष्ठानों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सोलर और इन्वर्टर लगे थे, वह भी इस लम्बी फेल आपूर्ति के चलते बोल गए। जनरेटर की दम पर बिजली सुख लेने वालों की भी ऊंचे डीजल भावों के चलते उनकी जेबें जबाब दे गयीं।
गुरुवार सबेरे शुरू हुई तेज मॉनसूनी वर्षा के कारण एक के बाद बिजली फीडर फेल होते चले गए।बताते हैं कि वर्षा शुरू होते ही रायनगर से 33 के बी लाइन पेड़ों में रखी होने के कारण बैठ गयी और फिर जसवंतनगर टाउन और रूरल दोनों उपकेंद्रों से जुड़े फीडर बन्द हो गए, जो दिन भर बन्द रहे। रात आठ बजे बिजली अमले ने 33 के बी लाइन्स को भींगे पेड़ों से हटाया। तब 33 के बी बहाल हुई।
कोल्ड स्टोर फीडर फीडर चूंकि अच्छी कमाई के स्रोत है। इसलिए पूरा अमला उसे चालू करने में जुट गया।रात साढ़े नौ बजे आधे कस्बे को चालू किया गया। रेलमण्डी फीडर में एक ट्रांसफार्मर पर फाल्ट था, जिसे ठीक नही किया गया और इस फीडर से जुड़ा आधा शहर अंधेरे में डुबाये रखा गया।
चालू हुए टाउन फीडर में भी रात भर ट्रिपिंग आती रही और सबेरे 5 बजे से 7 बजे तक रोस्टिंग में डाल दी गयी। रेलमण्डी फीडर शुक्रवार सुबह 24 घण्टे बाद बहाल किया गया, वो भी हर घण्टे ट्रिप किया जाता रहा।
बदतर हालात जसवंतनगर कस्बे में ही नही रहे। जुगौरा बलरई, धनुआ शाहजहां फीडरों से जुड़े गांवों में आपूर्ति लगातार ठप्प थी।
विद्युतकर्मियों का अतापता नही था और अफसर फोन उठाने की तोहमत नही ले रहे थे।नगर में आज जलापूर्ति भी पालिका नही कर सका।
बताया गया है कि जर्जर लाइनें, ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर और उपकेंद्रों पर लगीं खराब ओसीबी के रहते जसवंतनगर की विद्युतापूर्ति सुचारू चलना अब दूर की कौड़ी बन गयी है।विभाग द्वारा सिर्फ चेकिंग अभियान के तहत अवैध रूप से बसूली करना ओर उपभोक्ताओं को परेशान करना ही है, विल बसूली के बाद भी मेंटिनेंस के नाम पर जीरो कार्य करना।
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