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जबरन मजदूरी कराने से जुड़े मामले में भारतीय-अमेरिकी जोड़ा दोषी, 20 साल की जेल की सजा

अमेरिका के वर्जीनिया में शख्स से अपनी दुकानों पर जबरन मजदूरी कराने से जुड़े मामले में एक भारतीय-अमेरिकी जोड़े को दोषी पाया गया है। वर्जीनिया में संघीय अदालत में चले इस मामले में हरमनप्रीत सिंह (30) और कुलबीर कौर (43) पर अपने ही एक दूर के भाई से गैस स्टेशन और किराने की दुकान में जबरन काम करने का मामला चल रहा था। इसमें पाया गया कि इस जोड़े ने न सिर्फ शख्स कैशियर के तौर पर काम कराया, बल्कि उससे खाना बनवाने, साफ-सफाई कराने और दुकानों में बिक्री का लेखा-जोखा भी रखवाते थे। मामले में दोषी पाए जाने के बाद अब इस जोड़े को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा रिहाई के पांच साल बाद भी उन पर निगरानी रखी जाएगी। इस जोड़े पर 2,50,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है।

अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक वकील जनरल क्रिस्टेन क्लार्क ने कहा कि इस जोड़े ने अमेरिका में युवक को स्कूल भेजने का झूठा वादा किया। लेकिन उसे स्कूल न जाने देकर पीड़ित का भरोसा तोड़ा। इसके अलावा उससे शारीरिक, मानसिक तौर पर दुर्व्यवहार का शिकार भी बनाया गया। वह भी इसलिए ताकि यह जोड़ा युवक से हर तरह का फायदा उठा सके।

हरमनप्रीत और कुलबीर को पीड़ित के आव्रजन से जुड़े दस्तावेजों को जब्त करने और उसे समय समय चोट पहुंचाने का भी दोषी पाया गया। बताया गया है कि इस जोड़े ने उसके रहन-सहन की स्थिति को और बिगाड़ दिया था और उससे कम तनख्वाह में कई-कई घंटे काम कराया गया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि जबरन मजदूरी और मानव तस्करी घिनौने अपराध हैं, जिनकी समाज में कोई जगह नहीं है।