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हर जिले में होंगे मेडिकल कॉलेज, केंद्र और राज्य दोनों करेंगे खर्च…

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने की घोषणा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पिछले वर्ष सरकार ने 157 नए मेडिकल कॉलेजों की घोषणा की गई, जिनमें महाराष्ट्र में दो, हिमाचल में तीन और उत्तर प्रदेश में 27 मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने का यह पायलट प्रोजेक्ट है जिसके आधार पर अब देश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि इस समिति में कुल 12 सदस्य होंगे, जिनमें छह सेवानिवृत्त विशेषज्ञ शामिल हैं। इस समिति का गठन आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) मिलकर करेगा। इतना ही नहीं, समिति के पास एक जिला-एक अस्पताल को लेकर भी अपनी सिफारिश देने की जिम्मेदारी है, क्योंकि अभी देश में 17 राज्य ऐसे हैं जहां हर जिले में एक जिला अस्पताल नहीं है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दो तरह से नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने की योजना है। पहला तरीका 60:40 का है जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर खर्च करेंगे। दूसरा तरीका विभिन्न विभागों में मौजूदा अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हुए कॉलेज खोले जाएंगे।

केंद्र सरकार ने अपने दोनों कार्यकाल में अब तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 82% की वृद्धि की है, जो 2014 से पहले 387 से बढ़कर अब 704 हुए हैं। इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 110% की वृद्धि के साथ अब 1,07,948 हो गई है। वहीं, पीजी सीटों में भी 117% की वृद्धि हुई है जो 2014 से पहले 31,185 से 67,802 हो गई है। अभी देश में कुल 704 मेडिकल कॉलेज हैं लेकिन जिलों की संख्या 764 है।

चुनाव से पहले आशा-आंगनवाड़ी बनेंगी लाभार्थी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, देश में करीब 23 लाख आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं हैं जिन्हें लाभार्थी सूची में शामिल करने का काम इसी साल खत्म हो जाएगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यानी अप्रैल में इसकी शुरुआत होगी।

सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण को बढ़ावा महत्वपूर्ण कदम
दिल्ली एम्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और स्त्री कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरजा भाटला ने केंद्र के सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीकाकरण की घोषणा को जरूरी कदम बताया। उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर जीने का अधिकार छीनने वाली बीमारी है। 2020 में इससे देश में 77,348 महिलाओं की मौत हुई है। 9 से 14 साल की बच्चियों के लिए टीकाकरण अभियान की घोषणा का असर अगले कुछ साल में सामने आ सकता है जब भारत दुनिया में सबसे पहले इस बीमारी से मुक्त होने की राह पर सबसे आगे होगा।