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दो हजार संगत के साथ 22 को पहुंचेंगे संत निरंजन दास, मेला क्षेत्र हो जाएगा गुलजार

संत रविदास की जयंती पर देश ही नहीं विदेश से भी रैदासी सीरगोवर्धन पहुंचेंगे। संगतों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। डेरा सच्च खंड बलां के प्रमुख संत निरंजन दास दो हजार की संगत के साथ 22 फरवरी को स्पेशल ट्रेन बेगमपुरा से बनारस पहुंचेंगे। गुरु के आगमन के साथ ही मेला क्षेत्र भी गुलजार हो जाएगा।

संत निरंजन दास 23 फरवरी को सुबह पंडाल क्षेत्र का भ्रमण करेंगे और संगत को दर्शन देंगे। 23 की शाम को ही नगवां पार्क में दीपोत्सव भी होगा। श्रद्धालुओं की जुटान सीरगोवर्धन का नजारा ही बदल गया है। जयंती समारोह में लाखों की संख्या में देश-विदेश से अनुयायी पहुंचेंगे। मंदिर में चल रहे अमृतवाणी के पाठ से पूरा इलाका गूंज रहा है।

सेवादारों और संगत के आने का क्रम लगातार बना हुआ है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार संगत की संख्या हर साल के मुकाबले अधिक होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के कारण भी इस बार काफी संख्या में संगत गुरु चरणों की रज पाने के लिए पहुंचेगी।

संत रविदास उत्तर में ही बैठकर करते थे जूता बनाने का काम
प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री के आने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर तैयारियों की समीक्षा करने आ सकते हैं। इसे लेकर अधिकारी लगातार सीरगोवर्धन में चल रही तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। भगवानपुर से सीर जाने वाले मार्ग को लोक निर्माण विभाग ने बनवा दिया है। सड़क के दोनों तरफ बल्लियों से बैरिकेडिंग की जा रही है। रविदास प्रतिमा के चारों तरफ 15 फीट के दायरे में ढलाई की जाएगी। प्रतिमा को उत्तर में स्थापित करने पर लोगों का मानना है कि संत रविदास उत्तर में बैठकर ही जूता बनाने का करते थे।

संत रविदास के दर्शन के बाद पीएम मिलेंगे संत निरंजन दास से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयंती समारोह में पहुंचने के बाद सीधे संत रविदास का दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद संत निरंजन दास से मिलने सत्संग पंडाल पहुंचेंगे। वहां से लौटते समय लंगर चखेंगे। सत्संग पंडाल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। पंडाल में जमीन से 10 फीट ऊपर मंच बनेगा। प्रधानमंत्री के मूवमेंट को देखते हुए कॉरिडोर की पूरब की दीवार तोड़कर आपातकालीन दरवाजा बनवाया जाएगा। लंगर से लौटने वाले संगत के लोगों को सत्संग में गेट से चेकिंग के बाद प्रवेश मिलेगा। पूरब की तरफ से दीवार के किनारे एक तरफ से रास्ता सत्संग पंडाल में जाने के लिए बनेगा।