Saturday , November 23 2024

नहीं छोड़ पा रहे हैं सिगरेट पीना तो करें ये योगासन, धूम्रपान की लत से मिलेगा छुटकारा

ये बात तो हर कोई जानता है कि सेहत के लिए धूम्रपान नुकसानदायक है, हालांकि ये जानते हुए भी लोग सिगरेट बीड़ी पीते हैं और इसकी लत में आ जाते हैं। सिगरेट पीने से कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह आदि बीमारियों से लोग ग्रसित हो जाते हैं।

बीमारियों की चपेट में आने के बाद भी सिगरेट-बीड़ी की आदत से छुटकारा पाना लोगों के लिए आसन नहीं होता। वह चाहते हुए भी धूम्रपान की लत छोड़ नहीं पाते और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं गंभीर होती जाती हैं। धूम्रपान और सिगरेट के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति सचेत करने के उद्देश्य से हर साल 13 मार्च को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस मौके पर लोगों को सिगरेट की आदत छुड़ाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है।

अगर आप भी सिगरेट-बीड़ी या किसी तरह के धूम्रपान का सेवन करते हैं तो उसे आज से ही छोड़ने का निश्चय कर लें ताकि स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से दूर रह सकें। हालांकि अगर सिगरेट की लत छोड़ने में मुश्किल आ रही है तो कुछ नुस्खे अपना सकते हैं। साथ ही योगासनों के अभ्यास से भी धूम्रपान की लत छुड़ा सकते हैं। योग मानसिक स्थिति को मजबूत बनाता है, ध्यान केंद्रित करता है और धूम्रपान की इच्छा को भी कम करने में सहायक है। आइए जानते हैं सिगरेट-बीड़ी छोड़ने के लिए किन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं।

कपालभाति प्राणायाम

धूम्रपान की लत छोड़ना चाहते हैं तो कपालभाति प्राणायाम की आदत बना लें। कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र व्यवस्थित करने में मदद मिलती है। कपालभाति मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ावा देता है, जिससे धूम्रपान की इच्छा कम होने लगती है।

भुजंगासन

सिगरेट-बीड़ी के सेवन से कई बीमारियों का खतरा रहता है। इस खतरे को कम करने के लिए धूम्रपान की लत को छुड़ाने के लिए मन पर काबू पाने की जरूरत होती है। भुजंगासन का अभ्यास मन को शांत रखने में मदद करता है। इस आसन से पीठ व कमर दर्द की समस्या से भी राहत मिलती है।

बालासन

सिगरेट पीने से खुद के साथ आसपास के लोगों को भी स्वास्थ्य जोखिम रहता है। इससे कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। प्रजनन संबंधी समस्याएं, त्वचा संबंधी बीमारियां, नर्व सिस्टम कमजोर हो सकता है। बालासन इन जोखिमों से बचाने के लिए धूम्रपान की आदत छुड़वाने में कारगर हो सकता है। इस आसन के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र और तनाव शांत कर सकते हैं। पेट व कमर की समस्याओं से राहत पा सकते हैं। साथ ही शरीर को उर्जावान बनाए रखने में भी बालासन असरदार है।