Friday , October 25 2024

बाढ़ से बचाव का इंतजाम नहीं करा सके सियासतदां, कई मुद्दे अभी तक अधूरे, एक रिपोर्ट

ब्रह्माजी के नाम से मशहूर बहराइच जिले में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। नेताजी एक बार फिर जिले के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन आज भी ऐसे कई मुद्दे हैं जो अभी तक अधूरे हैं। जिला आज तक पिछड़ा ही है। यहां अभी तक रेल व परिवहन की सुविधा नहीं मिल सकी। वहीं, शहरवासी शुद्ध पेयजल, जलभराव और सीवरलाइन जैसी मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं। शहर में बाईपास न बनने से जाम की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। प्रस्तुत है वीरेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट…।

परिवहन व्यवस्था
आमान परिवर्तन के नाम पर बहराइच-गोंडा रेलमार्ग को बंद कर दिया गया था। इस दौरान बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ। महज 64 किलोमीटर की दूरी के इस रेलमार्ग पर काम पूरा करने में करीब पांच साल लग गए। इसके बाद वर्ष 2022 अगस्त माह में यहां से पहली बार वाराणसी के लिए एक इंटरसिटी ट्रेन का संचालन शुरू हुआ। तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए रेलवे ने इसे पांच बार बंद कर दिया था। हलांकि इसी दौरान 2023 में एक ट्रेन गोरखपुर के लिए संचालित की गई, जो अभी तक चल रही है। अब 10 फरवरी 2024 से बहराइच-रूपईडीहा रेलमार्ग को बंद कर बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया है। वहीं, तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर रोडवेज की सुविधा भी नहीं है।

ब्रह्माजी के नाम से मशहूर बहराइच जिले में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। नेताजी एक बार फिर जिले के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन आज भी ऐसे कई मुद्दे हैं जो अभी तक अधूरे हैं। जिला आज तक पिछड़ा ही है। यहां अभी तक रेल व परिवहन की सुविधा नहीं मिल सकी। वहीं, शहरवासी शुद्ध पेयजल, जलभराव और सीवरलाइन जैसी मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं। शहर में बाईपास न बनने से जाम की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। प्रस्तुत है वीरेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट…।

परिवहन व्यवस्था
आमान परिवर्तन के नाम पर बहराइच-गोंडा रेलमार्ग को बंद कर दिया गया था। इस दौरान बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ। महज 64 किलोमीटर की दूरी के इस रेलमार्ग पर काम पूरा करने में करीब पांच साल लग गए। इसके बाद वर्ष 2022 अगस्त माह में यहां से पहली बार वाराणसी के लिए एक इंटरसिटी ट्रेन का संचालन शुरू हुआ। तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए रेलवे ने इसे पांच बार बंद कर दिया था। हलांकि इसी दौरान 2023 में एक ट्रेन गोरखपुर के लिए संचालित की गई, जो अभी तक चल रही है। अब 10 फरवरी 2024 से बहराइच-रूपईडीहा रेलमार्ग को बंद कर बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया है। वहीं, तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर रोडवेज की सुविधा भी नहीं है।