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‘मेरे लिए अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की अहम, वोट नहीं’, जानिए असम के मुख्यमंत्री ने क्यों कही ये बात

असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि बहुविवाह, बाल विवाह जैसे विषय लोकसभा चुनाव में मुद्दे नहीं हैं। सीएम ने कहा कि वह इन विषयों को सामाजिक बदलाव के लिए उठा रहे हैं। सरमा ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 सीटों में से सिर्फ तीन पर मुकाबला होगा, बाकी सीटों पर भाजपा एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज करेगी।

अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की अहम, वोट नहीं
जोरहाट में तीताबोर में एक इंटरव्यू में असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैं हमेशा से कहता हूं कि वोट लेना अलग चीज है। हम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए असली विकास चाहते हैं। अब वे मुझे वोट करते हैं या नहीं, इस बात का कोई मतलब नहीं है।’ असम सीएम ने कहा कि ‘उनके लिए मायने ये रखता है कि अल्पसंख्यक समुदाय समृद्ध बने। अगर अल्पसंख्यक समुदाय में बहुविवाह का चलन नहीं रुकेगा तो समुदाय कैसे समृद्ध होगा? अगर बाल विवाह जारी रहेगा तो समुदाय कैसे तरक्की करेगा?’ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ‘अगर लड़कियों को समान अधिकार नहीं मिलेंगे और उन्हें शिक्षा नहीं दी जाएगी तो मिंया समुदाय कैसे तरक्की करेगा? असम में बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को मियां कहा जाता है।’

‘मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट नहीं मांगूंगा, मुद्दों पर बात करूंगा’
सीएम ने कहा कि ‘मदरसा शिक्षा बंद होनी चाहिए और छात्रों को सामान्य शिक्षा दी जानी चाहिए।’ सीएम ने कहा कि ‘मैं असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जाऊंगा, लेकिन मैं वोट की अपील नहीं करूंगा। मैं सिर्फ इन मुद्दों पर बात करूंगा। सरमा ने कहा कि चुनाव तो हैं, लेकिन ये मुद्दे चुनाव से भी बड़े हैं और मैं चुनावी राजनीति की मदद से लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करूंगा।’ सरमा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर ही मुकाबला हो सकता है और बाकी 11 सीटों पर उन्हें एकतरफा तरीके से जीत मिलेगी। हालांकि सीएम ने उन तीन सीटों के बारे में नहीं बताया। सीएम ने कहा कि असम में विपक्षी गठबंधन का अस्तित्व नहीं है और असल मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और एआईयूडीएफ में ही होगा।