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बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ी, मार्च में हुई थी गिरफ्तारी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्हें 15 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट के समक्ष ईडी ने बताया कि बीआरएस एमएलसी के. कविता पर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। के. कविता ने अदालत को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच (के.कविता ने इसे मीडिया ट्रायल कहा) उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है और उनकी निजता पर हमला किया है।

कविता ने कहा, “मैं एक पीड़िता हूं। मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रतिष्ठा को निशाना बनाया जा रहा है। मेरे मोबाइल फोन को सभी टेलीविजन चैनलों में प्रदर्शित किया गया, जो कि मेरी निजता पर हमला है। उन्होंने आगे कहा, मैं केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हूं। मैंने बैंक खाते का विवरण भी दिया। मैंने अपना मोबाइल फोन भी ईडी को दिया, जिसपर एजेंसी ने दावा किया कि मैंने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया है।” अदालत से बाहर निकलने के दौरान बीआरएस नेता ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है। यह विपक्षी पार्टियों को निशाना बनाने वाला मामला है। यह मामला केवल बयानों पर आधारित है।

बता दें कि बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम के कविता को हैदराबाद से दिल्ली लेकर आई, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने के. कविता को 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा था।

क्या हैं के. कविता पर आरोप
ईडी का दावा है कि के कविता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। जिसके तहत दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। के कविता को कथित दक्षिण लॉबी का हिस्सा बताया जा रहा है। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी अब तक देशभर में 245 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है और मनीष सिसोदिया, संजय सिन्हा और विजय नायर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।