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9.4 करोड़ को खसरे के टीकों से मिली सुरक्षा, WHO ने कहा- टीके इतिहास के सबसे शक्तिशाली आविष्कार

टीकाकरण से 50 वर्षों में दुनिया भर में करीब 15.4 करोड़ लोगों की जान बचाई गई है। यानी हर मिनट छह लोगों की जान बचाने में सफलता मिली। बचाई गई अधिकतर जिंदगियों में करीब 10.1 करोड़ शिशु थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के अनुसार टीकाकरण स्वास्थ्य के लिए अहम है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चे न सिर्फ अपना पहला जन्मदिन मनाएं बल्कि वयस्क होने पर भी स्वस्थ जीवन जिएं। अध्ययन के नतीजे ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित हुए हैं।

14 रोगों के खिलाफ टीकों ने दिखाया असर
टीकाकरण ने सीधे तौर पर वैश्विक स्तर पर शिशु मृत्यु दर को कम करने में योगदान दिया है। इन टीकों ने 14 प्रमुख बीमारियों डिप्थीरिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, हेपेटाइटिस बी, जापानी इंसेफेलाइटिस, खसरा, मेनिन्जाइटिस ए, पर्टुसिस, इनवेसिव न्यूमोकोकल रोग, पोलियो, रोटावायरस, रूबेला, टेटनस, तपेदिक और पीला बुखार के खिलाफ प्रभावी असर दिखाया।

खसरे का टीका सबसे प्रभावशाली
अध्ययन में शामिल टीकों में से खसरे का टीका शिशु मृत्यु दर को कम करने में सबसे अधिक प्रभावशाली साबित हुआ है। टीकाकरण के कारण बचाई गई जिंदगियों में से 60 फीसदी योगदान इसी टीके का था। विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा 1974 में स्थापित विस्तृत टीकाकरण कार्यक्रम (ईपीआई) के तहत अब तक बचाए गए लगभग 15.4 करोड़ जीवन में से लगभग 9.4 करोड़ खसरे के टीकों द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई थी। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि यह टीका भविष्य में भी बच्चों की मौतों को रोकने में सबसे बड़ा सहायक बना रहेगा।

टीकों की बदौलत चेचक का उन्मूलन, पोलियो हुआ कम
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का कहना है कि टीके इतिहास के सबसे शक्तिशाली आविष्कारों में से एक हैं, जो खतरनाक बीमारियों को रोक सकते हैं। टीकों की बदौलत चेचक का उन्मूलन हो चुका है, पोलियो का खतरा कम हुआ है, मलेरिया और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर जैसी बीमारियों के खिलाफ टीकों के हालिया विकास के साथ हम बीमारी की सीमाओं को पीछे धकेल रहे हैं। निरंतर शोध, निवेश और सहयोग के साथ हम आज और अगले 50 वर्षों में लाखों और लोगों की जान बचा सकते हैं।